इस नई तकनीक से गाय-भैसों को पैदा होगी बछिया व कटड़ी, दुग्ध उत्पादन में मिलेगी मदद

इस नई तकनीक से गाय-भैसों को पैदा होगी बछिया व कटड़ी, दुग्ध उत्पादन में मिलेगी मदद
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इस नई तकनीक से गाय-भैसों को पैदा होगी बछिया व कटड़ी, दुग्ध उत्पादन में मिलेगी मदद

खेत खजाना: विज्ञान और तकनीक ने आज के युग में अद्भुत परिवर्तन लाए हैं जिससे इंसानों के जीवन में बहुतांतर सुधार हुए हैं। न केवल इंसानों के साथ, बल्कि जानवरों की जिंदगी में भी नए तकनीकी उन्नति हो रही है। गांवों में रहने वाले पशुपालकों के लिए भी एक नई तकनीकी योजना लागू की जा रही है, जिससे गाय और भैंसों को सिर्फ बछिया ही पैदा करने में सक्षम बनाया जा सकेगा। इस योजना के माध्यम से, असम सरकार ने पशुपालकों को सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन का उपयोग करने की अनुमति दी है।

सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन प्रक्रिया के माध्यम से, शुक्राणुओं को लैब में जांचा जाता है और उसमें से Y गुणों को अलग कर दिया जाता है। फिर इन शुक्राणुओं को गाय और भैंसों के गर्भ में डाला जाता है। इस प्रक्रिया के फलस्वरूप, गाय और भैंसों से होने वाले बच्चों में बछिया के जन्म की संभावना लगभग 90 फीसदी तक बढ़ जाती है। यह तकनीक गाय और भैंसों के प्रजनन को वृद्धि करने में महत्वपूर्ण रूप से सहायक हो सकती है।

दुग्ध उत्पादन में मदद

असम सरकार इस योजना के माध्यम से राज्य में दूध उत्पादन में भी मदद प्रदान करने का निर्णय लिया है। राज्य में मादा बछड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए असम सरकार ने 1.16 लाख सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन खरीदने का इरादा बनाया है। यह उपाय न केवल गाय-भैंसों के प्रजनन को सुधारेगा, बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी सक्रिय रूप से मदद करेगा। अधिक मादा बछड़ें होने से दूध उत्पादन बेहतर होगा और पशुपालकों को अधिक मुनाफा होगा।

इस प्रकार, असम सरकार द्वारा सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन की प्रक्रिया को शुरू करने से गाय और भैंसों के प्रजनन के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति की शुरुआत हो गई है। इस उन्नत तकनीक के द्वारा, पशुपालक अब अपने जानवरों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे और दूध उत्पादन में भी सुधार कर सकेंगे। यह एक लघु व सस्ता उपाय है जिससे पशुपालकों को अधिक मुनाफा होगा और गाय-भैंसों के प्रजनन में भी बदलाव होगा।

सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन प्रक्रिया द्वारा असम सरकार गाय और भैंसों के प्रजनन को सुधारने के लिए एक नई तकनीकी योजना लागू कर रही है। इस प्रक्रिया के माध्यम से मादा बछड़ों की संख्या बढ़ेगी और दूध उत्पादन में भी मदद मिलेगी। यह उपाय पशुपालकों को अधिक मुनाफा प्रदान करने के साथ-साथ गाय-भैंसों के प्रजनन को बेहतर बनाएगा।

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