Weather Update: मानसून में हरियाणा में 92% बारिश के आसार, धान रोपाई पर पड़ेगा असर

Weather Update: मानसून में हरियाणा में 92% बारिश के आसार, धान रोपाई पर पड़ेगा असर
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Weather Update: मानसून में हरियाणा में 92% बारिश के आसार, धान रोपाई पर पड़ेगा असर

खेत खजाना : नई दिल्ली, देश में अभी मानसून दस्तक भी नहीं दे पाया कि अल-नीनो ने असर दे दिखाना शुरू कर दिया है। इससे जून में बारिश कम और गर्मी ज्यादा पड़ने संभावना है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को जारी अनुमान में कहा है कि 4 महीने तक चलने वाले मानसून सीजन के पहले महीने जून में सामान्य से कम 92% बारिश होने के संकेत हैं। जून में सामान्य रूप से 165.4 मिमी बारिश होती है। हालांकि, देशभर में पूरे मानसून में सामान्य यानी 96% बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर- पश्चिम भारत में मानसून सीजन में सामान्य से कम यानी 92%, मध्य भारत, पूर्व एवं पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है। ऐसे में उत्तर भारत में पड़ने वाले हरियाणा में भी बारिश 92% रह सकती है। बारिश कम होने का सबसे ज्यादा असर 12 से 15 लाख हेक्टेयर में होने वाली धान रोपाई पर पड़ेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जून में होने वाली बारिश की कमी की भरपाई आने वाले महीनों में होगी। मई में इस बार सामान्य से कम तापमान रहा, लेकिन मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है। कि जून में देश के अधिकांश इलाके में सामान्य से ज्यादा तापमान रहेगा। उधर, मानसून नानकोवरी तक 19 मई को पहुंच चुका था, पर 8 दिन से कोई प्रगति नहीं हो सकी है।

15 बार अल-नीनो की परिस्थितियां बनीं, 9 बार सामान्य से कम बारिश हुई

मौसम विभाग के विज्ञानी डीएस पई ने बताया कि अल-नीनो वर्ष का बारिश की कमी से सीधा असर नहीं होता। 1951 से अब तक 15 बार ऐसा मौका आया, जब मानसून के दौरान अल-नीनो परिस्थितियां भी बनी हुई थीं। इनमें से 9 बार मानसून में 90% से कम (सामान्य से कम), 4 बार सामान्य के आसपास यानी 90 से 100% के बीच और 2 बार 100% यानी सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। इस वर्ष अल-नीनो की वजह से बारिश में जो कमी होगी, उसकी भरपाई इंडियन ओशीन डायपोल घटना के (हिंद महासागर के दो सिरों पर तापमान अंतर) सकारात्मक रहने से होने की संभावना है।

मानसून केरल में 4 दिन की देरी से पहुंचने की संभावना, हरियाणा में 24 घंटे में 3.3 मिमी. बारिश

मानसून केरल में 4 दिन की देरी से 4 जून को पहुंचने की संभावना है। आमतौर पर यह 1 जून को केरल पहुंचता है। वहीं, हरियाणा में 24 घंटे में 3.3 मिमी बारिश हुई है। दिन का पारा 1.9 डिग्री की गिरावट के साथ सामान्य से 7.5 डिग्री कम हो गया। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, बार- बार पश्चिमी विक्षोभ आने से बारिश एकसाथ होने के बजाय थोड़े-थोड़े अंतराल पर हो रही है। मई के 25 दिन में महज 10 दिन 40 डिग्री से ज्यादा पारा रहा। सामान्य तौर पर पारा 20 दिन 40 डिग्री से ऊपर रहता है।

अब तक 10.85 लाख एकड़ में हुई बिजाई, पिछले साल 7.86 लाख एकड़ में ही हुई थी

हरियाणा में 1 से 26 मई तक 26 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 71% ज्यादा है। इस अवधि में 15.2 मिमी. बारिश सामान्य होती है। बारिश के कारण खरीफ फसलों की बिजाई अब तक 10.85 लाख एकड़ में हो चुकी है, जो पिछले से 3 लाख एकड़ (14.07%) ज्यादा है। पिछले साल इस अवधि में 7.85 लाख एकड़ में बिजाई हुई थी। 8.67 लाख एकड़ में कपास, 87.50 हजार एकड़ में ग्वार, 1.27 लाख एकड़ में गन्ना है। इस बार 77.12 लाख एकड़ में खरीफ फसलों की बिजाई का लक्ष्य है। हरियाणा में 31 मई तक बारिश के आसार हैं।

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