एक तरफ घग्गर, एक तरफ बारिश, सिरसा के किसानों को बाढ़ से परेशानी, धान और नरमा की फसल को नुकसान

पिछले 12 घंटे में जलस्तर ने तेजी से बढ़ते हुए 4000 क्यूसेक का आंकड़ा छू लिया है। इससे किसानों को नदी के तटबंध पर पहुंचने में दिक्कत हो रही है।

एक तरफ घग्गर, एक तरफ बारिश, सिरसा के किसानों को बाढ़ से परेशानी, धान और नरमा की फसल को नुकसान
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एक तरफ घग्गर, एक तरफ बारिश, सिरसा के किसानों को बाढ़ से परेशानी, धान और नरमा की फसल को नुकसान

सिरसा, 20 जुलाई 2023: सिरसा जिले में बढ़ते जलस्तर के कारण घग्गर नदी के तटबंध को मजबूत करने के कार्य में लोगों को खासा दिक्कत आ रही है। पिछले 12 घंटे में जलस्तर ने तेजी से बढ़ते हुए 4000 क्यूसेक का आंकड़ा छू लिया है। इससे किसानों को नदी के तटबंध पर पहुंचने में दिक्कत हो रही है। दूसरी ओर सिरसा में आज 1:45 बजे के बाद बारिश की शुरुआत हो गई है, जिससे नालों में भी जलस्तर में वृद्धि हुई है।





खेती-बाड़ी में बाधा: किसानों ने नदी के तटबंध पर लगाया जाम

किसानों ने गांव में अनाउंसमेंट करके नदी के तटबंध पर पहुंचने की अपील की है ताकि नदी के तटबंध को जल्द से जल्द मजबूत किया जा सके। वे गांव गांव जाकर लोगों से भी अपील कर रहे हैं ताकि इस काम में उनका सहयोग हो सके। इससे जुड़े किसानों ने जाम भी लगा दिया है जिससे वे अपनी मांगों को जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रंगोली नाले में घग्गर का पानी आने से नदी के तटबंध को खतरा है जिससे लोगों को नुकसान हो सकता है।

गेट की खराबी ने और बढ़ाई समस्या

सिरसा के चामल के पास रत्ता खेड़ा खरीफ चैनल के गेट को पिछले 24 घंटे से भी ठीक किया जा रहा है। नया गेट बनाने का प्रयास किया गया था लेकिन गेट को चैनल से जोड़ने के दौरान भारी-भरकम जलस्तर के कारण गेट नीचे डूब गया। इससे पानी का बहाव रोकने के लिए ग्रामीणों ने ट्राली पानी में फेंक दी, लेकिन फिर भी पानी का बहाव रुका नहीं। यह समस्या नदी के तटबंध को मजबूत करने में दिक्कत पैदा कर रही है।

बढ़ता जलस्तर: नदी के पानी में उतरी पंजाब के सरदूलगढ़

घग्गर नदी के पानी ने पंजाब के मानसा जिले के सरदूलगढ़ तहसील में भी अपना प्रवेश कर लिया है। यह जलभराव इतना तेज था कि शहर में हाईवे को बंद कर दिया गया है और सिरसा से मानसा मुख्य रोड को भी बंद किया गया है। इससे लोगों को गांवों में प्रवेश करने में काफी समस्या हो रही है। यह स्थिति लोगों को चिंतित कर रही है और नदी के तटबंध को और जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत की जा रही है।

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