बिजली की तेज घड़घड़ाहट के साथ बीकानेर में तेज बारिश

बिजली गिरने से फसल जली, शहर की सड़कों पर जमा हुआ पानी

बिजली की तेज घड़घड़ाहट के साथ बीकानेर में तेज बारिश
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बीकानेर। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश व आंधी चल रही है। इसी क्रम में बीकानेर में आज सुबह से बादलों का जमावड़ा देखा गया, जो दोपहर एक बजे तक बिजली के तेज घड़‌घड़ाहट के साथ बरसना भी शुरू हो गए। वहीं, श्रीडूंगरगढ़ में बिजली गिरने से फसल में आग लग गई। गनीमत रही कि किसान परिवार खुद इसकी चपेट में नहीं आया। दरअसल, शुक्रवार देर रात तक बीकानेर में तेज अंधड़ के साथ बूंदाबांदी भी हुई। जिसका असर सुबह तक चली ठंडी हवाओं के रूप में देखा गया। इस बारिश से

तापमान में गिरावट हुई है। मौसम विभाग ने बीकानेर के लिए यलो अलर्ट जारी करते हुए बारिश की चेतावनी दी थी। बीकानेर के अलावा चूरू, नागौर और आसपास के क्षेत्रों में भी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने बिजली कड़कने पर किसानों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और पेड़ के नीचे खड़े नहीं होने की सलाह दी है।

वहीं कटी हुई फसल भी खेत में नहीं रखने को सलाह दी है। शुक्रवार शाम से मौसम ने करवट लेनी शुरू कर दी है। शनिवार और रविवार को मौसम पलटेगा। तेज गति से हवाएं चलेंगी। बिजली गरजेगी। बारिश होने के भी आसार हैं। उसके बाद तापमान भी तीन से चार डिग्री गिर सकता है। दरअसल प्रदेश में 11 अप्रैल से ही पश्चिमी विक्षोभ का असर हो रहा है। चूरू, सीकर तक असर पहुंच गया। मगर बीकानेर सबसे अंतिम छोर पर है इसलिए यहां 13 और 14 अप्रैल को इसका सर्वाधिक असर होने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें 13 और 14 को

40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से आंधी आ सकती है। मौसम विभाग ने तेज हवाओं के साथ वज्रपात भी होने की आशंका जताई है। हालांकि तेज बारिश की संभावना

कम है। मगर आसमान साफ होने के बाद गर्मी से जरूर आशिक निजात मिलेगी। इस बीच बीती रात का न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री दर्ज किया गया

ग्रामीण इलाकों में हुई अच्छी बारिश

नोखा क्षेत्र में शनिवार सुबह अचानक हुई बारिश ने मौसम में ठंडक घोल दी। नोखा उपखंड मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बदला है। आसमान में गर्जना के साथ बादल छाए हुए थे, फिर अचानक बिना मौसम की बारिश भी शुरू हो गई। किसानों की खेतों में खुले में रखी फसल भी खराब होने की आशंका बनी हुई है। बारिश के कारण शहर में गर्मी और उमस से क्षेत्र के लोगों को राहत भी मिली है। मौसम में अचानक आए इस बदलाव से फसलों को भारी नुकसान हुआ।

जीरे और इसबगोल की भी अधिकांश फसलें पूरी तरह खराब संभावना बनी हुई है। वहीं सर्दी की शुरुआत के साथ ही गेहूं की बुवाई करने वाले किसानों की करीब 4 माह की मेहनत पर पानी फिर गया है। जल्दी बुवाई करने वाले किसानों ने बीते 2 सप्ताह में गेहूं की फसल की कटाई शुरू की थी। कटी हुई यह फसल सूखने के लिए खेतों में पड़ी थी। लेकिन अचानक मौसम में आए बदलाव और बारिश के कारण काट कर रखी गई ऐसी फसल पूरी तरह बर्बाद होने की संभावना बन गई है।


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