खेतों में तालाब: खंडवा को सूखाग्रस्त घोषित होना था, दो दिन की बारिश ने किसानों की जगाई उम्मीद

खेतों में तालाब: खंडवा को सूखाग्रस्त घोषित होना था, दो दिन की बारिश ने किसानों की जगाई उम्मीद
खेत खजाना :खंडवा, मध्यप्रदेश: खंडवा जिले में बारिश के आगमन ने किसानों को जीने की नई आशा दिलाई है। सूखे से त्रस्त खंडवा जिला अब उच्च बरसात के चलते नया जीवन प्राप्त कर रहा है। दो दिनों की बारिश ने पूरे सीजन का कोटा पूरा किया है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में फसलों को होने वाले कुछ नुकसान के चलते किसान परेशान हैं।
बारिश की मार से हुआ नुकसान
खंडवा जिले में आई दो दिन की बारिश ने खेतों को जीवनदानी बना दिया है, लेकिन सूखे से बची फसलों को भी नुकसान पहुंचा दिया है। सूखे से प्रभावित फसलों में सिर्फ सोयाबीन फसल थी, जिसे बारिश ने तबाह कर दिया है। तेज हवाओं के साथ हुई भारी बरसात ने कपास और मक्का की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। किसान इस मुश्किल में हैं और मुआवजे की दरकार कर रहे हैं। पटवारी हड़ताल पर हैं, जिसके कारण कोई नुकसानी का सर्वे करने वाला नहीं है।
बारिश का असर: खंडवा जिले के ब्लॉक-वार आंकड़े
खंडवा: 820 एमएम - करीब 33 इंच
नया हरसूद: 1114 एमएम - साढ़े 44 इंच से ज्यादा
पंधाना: 616 एमएम - साढ़े 24 इंच से ज्यादा
पुनासा: 792 एमएम - करीब 32 इंच
खालवा: 818 एमएम - साढ़े 32 इंच से ज्यादा
निमाड़ में फसलों का अनुपात
खंडवा जिले में सोयाबीन फसल के साथ-साथ कपास, मक्का, मिर्च, और अन्य सब्जियों की फसलें भी उगती हैं। निमाड़ क्षेत्र में सोयाबीन के अलावा सिंचित जमीन पर कपास और मिर्च की फसल भी उगाई जाती है। कुछ क्षेत्रों में मक्का की फसल प्रमुख होती है, वही पाठरीली जमीनों पर आदिवासी किसानों के लिए मुख्य फसल है। इस बारिश ने सभी फसलों को बढ़ी मुश्किलें पैदा की हैं, लेकिन उम्मीद है कि सूखे से राहत मिलेगी और किसान न्यूनतम नुकसान से बच सकेंगे।