जिलेभर में तेज हवाओं के साथ बारिश, किसानों की चिंता बढ़ी, पकी फसलें खराब होने का डर

मौसम पश्चिमी विक्षोभ के असर से सुबह से शाम तक छाए रहे बादल, कई शहरों में चली तेज हवाएं तो जिला मुख्यालय पर रात तक होती रही बूंदाबांदी

जिलेभर में तेज हवाओं के साथ बारिश, किसानों की चिंता बढ़ी, पकी फसलें खराब होने का डर
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हाल ही में सक्रिय हुए एक बड़े पश्चिमी विक्षोभ के कारण जिले भर में शनिवार को बादलवाही रही। सुबह करीब 6 बजे हल्की बारिश दर्ज की गई लेकिन शाम 4:30 बजे बाद कई जगहों पर मध्यम दर्जे की चरसात हुई। वहीं इस बारिश के कारण किसान सबसे अधिक चिंतित हैं। क्योंकि, खेतों में गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई हैं। बता दें कि मंडियों में भी गेहूं की आवक शुरू हो गई है। अगर मौसम ऐसा ही रहा ती फसल खराब होने का डर रहेगा। हालांकि, मौसम विभाग ने किसानों को सतर्क रहने के लिए कहा है।

दरअसल, मौसम केंद्र ने शुक्रवार को 30 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया था। नोहर में दिन को तेज आंधी चली। चारों तरफ धूल का गुबार छा गया। विभाग के अनुसार करीब 30 30 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलीं। आसमान में घने बादल छाए रहे। बारिश, आंधी और बादल छाने से एक तरफ गर्मी तो कंट्रोल हो गई। दूसरी तरफ किसानों की परेशानी बढ़ गई। खेतों और मंडियों में रखी फसल बरिश में गीली होने से खराब होने का खतरा बढ़ गया है। बता दें कि श्रीगंगानगर में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई है।

बरसात-ओलावृष्टि की चेतावनी, फसलों को नुकसान की आशंका, बीमित किसानों 72 घंटे में देनी होगी सूचना

जिले में रबी सीजन की फसलें पककर तैयार हो गई है। गेहूं और सरसों की कटाई का काम चल रहा है। मौसम विभाग की ओर से बरसात और ओलावृष्टि की चेतावनी दे रखी है। शनिवार को दिन में कई बार हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे किस्रानों की चिंता बढ़ गई। उधर, कृषि विभाग की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाने वाले किसानों को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, बेमौसम वर्षा या ओलावृष्टि से नुकसान की स्थिति में फसल के नुकसान आकलन व्यक्तिगत बीमित कृषक के स्तर पर किए जाने का प्रावधान है।

संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) योगेश वर्मा ने बताया कि प्रभाषित बीमित कृषकों को आपदा के 72 घंटे के अंदर सीधे बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 18004196116 या क्रोप इंश्योरेंस एप या लिखित में बैंक या कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से बीमा कंपनी को सूचित कर सकते हैं। यदि 72 घंटे में कृषकों द्वारा। पूर्ण सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तो कृषक सात दिन में पूर्ण सूचना निर्धारित प्रपत्र में संबंधित बीमा कंपनी को उपलब्ध करवा सकते हैं। कटाई के 14 दिनों तक फसल को नुकसान होता है तो क्लेम का प्रावधान है

15 अप्रैल तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद अगले 5 दिनों में उच्चतम तापमान 40 के पार जाने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि पूरे देश में मौसम में बदलाव की वजह ईरान, पाकिस्तान होकर उत्तर भारत पहुंचने वाला वेस्टर्न डिस्टरबेंस है। इस कारण फरवरी, मार्च और अब अप्रैल में भी मौसम लगातार बदल रहा है।

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