सिरसा बाढ़ की चपेट में, गांवों को हो सकता है खतरा

सिरसा बाढ़ की चपेट में, गांवों को हो सकता है खतरा
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बाढ़ आने से सिरसा जिले में घग्गर नदी का जलस्तर बेहद बढ़ गया है। रंगोई नाले के भी टूटने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। रानियां, ऐलनाबाद, भावदीन, सिकंदरपुर और औरंगाबाद समेत कई गांव पहले ही खतरे में हैं। नदी और नाले के टूटने से फतेहाबाद के पानी की मार भी सिरसा को भारी पड़ सकती है।

"बाढ़ के खतरे में सिरसा! रंगोई नाले के टूटने से नेशनल हाईवे लगा पानी"

सिरसा जिले में बहुतायत विकास की प्रक्रिया पर ब्रेक लग चुका है। घग्गर नदी का जलस्तर लगातार 50 हजार क्यूसेक से ऊपर चल रहा है, जिससे इस क्षेत्र के 49 गांवों को खतरा हो गया है। रंगोई नाले के 24 घंटे में छह जगह से टूट जाने से नेशनल हाईवे के साथ पानी लग गया है। यह तटबंध कमजोर होने के कारण आसार हुआ है।

भावदीन के पास रंगोई नाले के पुल की नीचे व पानी की निकासी के बीच में नहरी खाल के कारण पूरे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है, जिससे यह नाला बार-बार टूट रहा है। नाले में लगभग 13 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि इसकी क्षमता तो केवल 10 हजार क्यूसेक है। इससे नाले के साथ लगे गांव भावदीन, रसुलपुर, रसुलपुर थेहड़ी, सिकंदरपुर, बाजेकां, सुचान, कोटली और अन्य गांव खतरे में हैं।

इस संदर्भ में, जिले के अब 60 के करीब गांवों को भी चपेट में आने का खतरा है। घग्गर नदी के तटबंध टूटने से 14 हजार एकड़ फसल खराब हो चुकी है और इससे करीब 30 एकड़ और खेत जलमग्न हो सकते हैं। जिले के 20 गांवों में पानी घुसने की संभावना है जिससे लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है।

अब सरकारी अधिकारियों ने तटबंधों के मजबूती के लिए उचित उपाय निकालने का आदेश दिया है। वे नालों की निकासी को ध्यान में रखते हुए जल संचयन और तटबंधों को मजबूत करने के उपाय अपना रहे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त जेसीबी भी लगाई गई है।

भावितव्य में, बाढ़ से निपटने के लिए व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है ताकि यह समस्या से निपटने के लिए ज़रूरी साधन और संरचनाएं मौजूद हो सकें। नदियों और नालों के बाढ़ से बचाव की संभावना पर ज़ोर देने वाले उपाय अपनाए जाने चाहिए, ताकि लोगों को आगामी समय में सुरक्षित रखा जा सके।

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