बारिश के आगमन से खिले किसानों के चेहरे, किसान भाई बोले- ये बारिश गेहूं और चने के लिए फायदेमंद, रबी फसल में बंपर उत्पादन की लगा रहे उम्मीद

मालवा-निमाड़ के 15 जिलों में सिंचाई के लिए बिजली का उपयोग हुआ है, और इससे बिजली की बचत हो रही है

बारिश के आगमन से खिले किसानों के चेहरे, किसान भाई बोले- ये बारिश गेहूं और चने के लिए फायदेमंद, रबी फसल में बंपर उत्पादन की लगा रहे उम्मीद
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बारिश के आगमन से खिले किसानों के चेहरे, किसान भाई बोले- ये बारिश गेहूं और चने के लिए फायदेमंद, रबी फसल में बंपर उत्पादन की लगा रहे उम्मीद

इंदौर जिले में हुई भरपूर बारिश ने किसानों की तक़दीर बदल दी है। रबी सीजन में गेहूं, चने, और अन्य फसलों की सिंचाई में मावठे की बारिश ने अहम भूमिका निभाई है। 2 महीने पहले वाटर लेवल टूट रहा था, लेकिन बाद में एकाएक पानी की कमी से किसान परेशान हो गए थे लेकिन अब किसान गदगद हो रहे हैं, क्योंकि बारिश ने फसलों पर अमृत जैसी वर्षा की है।

फसलों में बूंद-बूंद में खुशियां

गेहूं, चना, आलू, मटर रबी सीजन की प्रमुख फसलों में शामिल हैं, और इस बार की बारिश उन्हें बंपर उत्पादन की आशा दे रही है। गेहूं और चने की फसल बोने में एक से डेढ़ महीने लग गया हैं, जबकि आलू, लहसुन, और मटर को कहीं-कहीं 2 महीने की बुवाई का समय हो चुका है।

इंदौर जिले में तकरीबन 2 लाख 40 हजार हेक्टेयर जमीन पर रबी सीजन की बुवाई की गई है, जिसमें से डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की बोनी किसानों ने इस बार की है। मावठे की यह बारिश मालवा-निमाड़ जिलों में फसलों को लाभ पहुंचा रही है।

बिजली की भी बचत

मालवा-निमाड़ के 15 जिलों में सिंचाई के लिए बिजली का उपयोग हुआ है, और इससे बिजली की बचत हो रही है। बारिश के बाद, सिंचाई के लिए बिजली की आपूर्ति में कमी होने की उम्मीद है, जो किसानों को और भी सुखद बना रहेगी।

किसानों को सलाह

किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे पानी निकासी की व्यवस्था को ध्यानपूर्वक करें ताकि फसलों को किसी भी तरह की क्षति न आए। कृषि विभाग ने इस पर विशेष जोर दिया है ताकि किसान सही तरीके से सिंचाई कर सकें।

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