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मौसम : भयंकर चक्रवात ‘असना’ की दस्तक, 48 साल बाद अरब सागर में आया तूफान

मौसम : 48 साल बाद, अगस्त में अरब सागर में चक्रवात 'असना' बन रहा है। IMD ने अलर्ट जारी किया है। जानें इसके प्रभाव, सुरक्षा उपाय और प्रशासनिक तैयारियाँ।

मौसम  : गुजरात में बाढ़ के बीच, अरब सागर में बनने वाला है चक्रवात ‘असना’, IMD ने जारी किया अलर्ट


भारत मौसम विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी किया है कि 48 साल बाद अगस्त के महीने में अरब सागर में एक भयंकर चक्रवात ‘असना’ बनने जा रहा है। 1976 के बाद यह पहला मौका है जब अगस्त के महीने में इस प्रकार का चक्रवात विकसित हो रहा है। गुजरात पहले से ही भारी बारिश के कारण बाढ़ से जूझ रहा है, और अब चक्रवात ‘असना’ के कारण चिंता और बढ़ गई है।

चक्रवात ‘असना’ की विशेषताएँ और संभावित प्रभाव

IMD के मुताबिक, ‘असना’ नामक इस चक्रवात का विकास पश्चिम-दक्षिण की दिशा में ओमान की ओर होने की संभावना है। पाकिस्तान ने इस तूफान का नाम ‘असना’ दिया है। अगस्त महीने में अरब सागर में तूफान बनना एक दुर्लभ घटना है। इससे पहले, 1964 में भी एक चक्रवात बना था, जो तट पर पहुँचते-पहुँचते कमजोर हो गया था। मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में ना जाने की सलाह दी है, क्योंकि इस दौरान 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलने की संभावना है।

वर्षचक्रवात का नाममहीनेक्षेत्र प्रभावित
1964अगस्तअरब सागर
1976अगस्तअरब सागर
2024असनाअगस्तगुजरात, ओमान

प्रशासनिक तैयारियाँ और सुरक्षा उपाय

गुजरात के कच्छ जिले में अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अस्थायी घरों और झोपड़ियों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों, जैसे स्कूलों और मंदिरों में शरण लें। कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि अबडासा, मांडवी और लखपत तालुका में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएँ। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी गांधीनगर में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया और जिला प्रशासन की तैयारियों का जायजा लिया।

चक्रवात ‘असना’ की वजह से समुद्री स्थिति खराब, भारी लहरों की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार, समुद्र की स्थिति खराब रहेगी और गुजरात तट पर हवाओं की गति 75 किमी प्रति घंटे तक पहुँच सकती है। ऊँची लहरें उठने की भी संभावना है, जिससे तटीय इलाकों में खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि चक्रवात ‘असना’ आने वाले दिनों में तटीय इलाकों में भारी बारिश का कारण बन सकता है।

 

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