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Mustard Oil सरसों का तेल: सेहत का साथी या गैर पारंपरिक तेलों से बिगड़ती सेहत?

Mustard Oil डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार, सरसों का तेल सेहत के लिए बेहतर साबित हुआ है। गैर पारंपरिक तेलों का अधिक सेवन मोटापा और दिल की बीमारियों का कारण बन रहा है।

Mustard Oil गैर पारंपरिक तेलों का अधिक उपयोग सेहत को नुकसान, सरसों का तेल सेहतमंद साबित
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के फूड और न्यूट्रिशन विभाग के माहिरों ने हाल ही में एक स्टडी रिपोर्ट पेश की है, जिसमें खाने में पारंपरिक और गैर पारंपरिक तेलों के उपयोग का सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों का गहराई से अध्ययन किया गया है। इस रिपोर्ट में पाया गया है कि रिफाइंड और अन्य गैर पारंपरिक तेलों के सेवन से दिल संबंधी बीमारियों, मोटापे, फैटी एसिड असंतुलन और पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इन तेलों के बढ़ते इस्तेमाल से लोग कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

Mustard Oil सरसों का तेल: डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार बेहतर विकल्प

विशेषज्ञों के अनुसार, सरसों का तेल एक पारंपरिक और सेहतमंद विकल्प है, जिसमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में यह पाया गया है कि रिफाइंड तेलों का अत्यधिक सेवन करने से 25% लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। यह अध्ययन डॉ. मोनिका चौधरी और डॉ. किरन बैंस द्वारा किया गया, जिनका मानना है कि लोगों को गैर पारंपरिक तेलों के बजाय सरसों का तेल उपयोग करना चाहिए।

तेल का प्रकारसेहत पर प्रभावउपयोग की सलाह
रिफाइंड तेलदिल की बीमारियाँ, मोटापाकम उपयोग करें
सरसों का तेलओमेगा-3 और ओमेगा-6 संतुलनरोजमर्रा में उपयोग करें
सनफ्लावर, पॉम ऑयलओमेगा-6 की अधिकतासेहत के लिए हानिकारक

गैर पारंपरिक तेलों से बचें: रिफाइंड तेल नहीं है सेहतमंद

रिपोर्ट के अनुसार, गैर पारंपरिक तेलों जैसे सनफ्लावर, पॉम ऑयल और सैफ फ्लावर के उपयोग से शरीर में ओमेगा-6 और ओमेगा-3 का अनुपात बिगड़ जाता है, जो दिल की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को न्यौता देता है। रिफाइंड तेल का नियमित उपयोग सेहत के लिए उचित नहीं है, क्योंकि यह शरीर में फैटी एसिड का संतुलन बिगाड़ता है। इसके विपरीत, सरसों का तेल ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का सही अनुपात बनाए रखने में मदद करता है, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है।

आवश्यक फैटी एसिड और मिनरल्स: सेहतमंद जीवन का आधार

विशेषज्ञों का कहना है कि तेलों में आवश्यक मिनरल्स और फैटी एसिड का होना बेहद जरूरी है। जब हमारे शरीर में यह तत्व सही मात्रा में नहीं पहुंचते हैं, तो यह दिल की बीमारी, डायबिटीज और यहां तक कि कुछ प्रकार के कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। उत्तर भारत में लोगों की डाइट में अक्सर ओमेगा-3 की कमी देखी जाती है, जिसे ड्राई फ्रूट्स और अन्य स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है।

स्वस्थ जीवन के लिए सरसों Mustard Oil का तेल अपनाएं

अगर आप अपने आहार में एक संतुलित और सेहतमंद विकल्प चाहते हैं, तो सरसों का तेल आपके लिए सबसे बेहतर है। इसके बाद कैनोला, अलसी और सोयाबीन का तेल भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं। सरसों का तेल न सिर्फ खाने के लिए, बल्कि लंबे समय तक उपयोग के लिए भी उपयुक्त है। इसमें ट्रांस फैट मुक्त, सैचुरेटेड फैटी एसिड कम और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड उच्च मात्रा में होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं।

नतीजा: सरसों का तेल है बेहतरीन विकल्प

इस स्टडी के आधार पर कहा जा सकता है कि अगर आपको दिल की बीमारियों, मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचना है, तो सरसों के तेल का नियमित उपयोग करना सबसे अच्छा विकल्प है। यह न सिर्फ सेहतमंद है, बल्कि इसका नियमित सेवन आपके शरीर के फैटी एसिड संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है

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