Rajasthan News : राजस्थान के 17 गांवों के खेतों को मिलेगा सिंचाई का पानी, किसानों के लिए खुशखबरी
Rajasthan News : राजस्थान के 17 गांवों के खेतों को मिलेगा सिंचाई का पानी, किसानों के लिए खुशखबरी
Rajasthan News : राजस्थान के 17 गांवों के किसानों के लिए नया साल खुशियाँ लेकर आ रहा है। प्रदेश की पहली सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का कार्य अब पूरा हो गया है। इस परियोजना के तहत फोलाई-गेंडौली पंचायत के 25,000 किसानों के खेतों तक नहरी पानी पहुंचेगा, जिससे किसानों की सिंचाई समस्याओं का समाधान होगा। यह परियोजना राजस्थान की पहली ऐसी परियोजना है, जो मेज नदी से सोलर ऊर्जा के जरिए पानी की आपूर्ति करेगी और इसके साथ ही बिजली का उत्पादन भी होगा। खास बात यह है कि इसके द्वारा निर्मित बिजली का उपयोग डिस्कॉम को किया जाएगा और 8 महीनों तक इसे बेचने का भी अवसर मिलेगा।
सोलर ऊर्जा से सिंचाई की नई दिशा
यह परियोजना राजस्थान के सिंचाई क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होने जा रही है। 167 किलोवाट के दो सोलर प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिसमें 522 सौर ऊर्जा की प्लेटें लगाई गई हैं। इस परियोजना के तहत किसानों को सोलर ऊर्जा के माध्यम से मुफ्त पानी मिलेगा, जो उनकी सिंचाई लागत को काफी कम कर देगा। यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल है और बिजली की बचत के साथ-साथ प्रदूषण को भी कम करने में मदद करेगी।
इसकी टेस्टिंग जनवरी महीने में शुरू होगी, जिसके बाद किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिलना शुरू हो जाएगा। परियोजना की कुल लागत 52 करोड़ रुपए है और इसके अंतर्गत दो पंचायतों के किसानों को राहत मिलेगी। वर्तमान में किसान सिंचाई के लिए हर साल करीब 7.5 करोड़ रुपए का खर्च डीजल और बिजली पर करते हैं, लेकिन इस सोलर सिंचाई परियोजना से उन्हें इस खर्च में कमी आने की उम्मीद है।
लंबी दूरी और भूमि विवाद के कारण हुई देरी
यह परियोजना पिछले तीन साल से तैयार थी, लेकिन बिजली सप्लाई की समस्या के कारण काम धीमी गति से चल रहा था। प्रोजेक्ट डायरेक्टर कमलेश के अनुसार, सोलर प्लांट में बिजली सप्लाई नहीं हो पा रही थी, जिस कारण परियोजना का कार्य पूरी तरह से नहीं हो सका था। इसके लिए 8 करोड़ रुपए बिजली विभाग को जमा किए गए थे और इसके बाद सोलर प्लांट से लेकर लाखेरी तक 33 केवी लाइन डाली गई। साथ ही खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए 11-11 केवी लाइन भी डाली गई।
वहीं, कुछ स्थानों पर खेत मालिकों और स्थानीय लोगों ने लाइन डालने के विरोध में भी आवाज उठाई थी, लेकिन अब तक 98% कार्य पूरा हो चुका है। लाखेरी में अंडरग्राउंड लाइन का काम चल रहा है, और जल्द ही परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा।
सोलर पंप और पानी की सप्लाई
सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना के तहत लोहली गांव स्थित मेज नदी पर 6-6 मीटर के दो कुएं बनाए गए हैं, जिनसे पानी साफ होकर 72 मीटर दूर अन्य कुओं में पहुंचेगा। इस स्थान पर 170 एचपी के चार पंप लगाए गए हैं, जिनमें से तीन पंप 24 घंटे चालू रहेंगे, जबकि एक पंप स्पेयर के तौर पर रखा जाएगा। यह पंप लोहली गांव, नए पंचायत के 10 गांवों और अन्य क्षेत्रों के खेतों तक पानी की आपूर्ति करेंगे।
सिंचाई के लिए 10 किलोमीटर और 12 किलोमीटर में डीआई पाइप लाइन बिछाई गई है। इसके साथ ही 4,000 हैक्टेयर क्षेत्र में 488 प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां से किसान पानी का उपयोग करेंगे। पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति खेतों तक सुचारु रूप से की जाएगी, जिससे किसानों की सिंचाई में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी।
किसानों के लिए राहत
राजस्थान के किसानों के लिए यह परियोजना बड़ी राहत लेकर आई है। अभी तक किसान सिंचाई के लिए डीजल और बिजली पर भारी खर्च करते थे, लेकिन अब सोलर पंप के माध्यम से उन्हें मुफ्त पानी मिलेगा, जिससे उनका खर्च काफी कम हो जाएगा। साथ ही, सोलर पंप के साथ बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा, जो अन्य ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।
इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा। सोलर ऊर्जा के उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी और ऊर्जा का वैकल्पिक स्रोत मिलने से ऊर्जा संकट में भी राहत मिलेगी।