यूपी के गाजीपुर में इंदु मिर्च की मांग बढ़ी, रोजाना 200 टन का व्यापार और विदेशों में भी हो रही निर्यात
यूपी के गाजीपुर में इंदु मिर्च की मांग बढ़ी, रोजाना 200 टन का व्यापार और विदेशों में भी हो रही निर्यात
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद तहसील को आजकल अपनी खास किस्म की मिर्च के लिए पहचाना जा रहा है। इस इलाके में इंदु मिर्च और HP 7410 जैसी उन्नत किस्मों की मिर्च की खेती की जा रही है, जो न केवल स्थानीय बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी खास पहचान बना चुकी है। यहां के किसानों को इस मिर्च की खेती से जबरदस्त फायदा हो रहा है, और यह मिर्च अब विदेशों में भी निर्यात हो रही है।
गाजीपुर की पातालगंगा मंडी, जो नेशनल हाईवे-31 और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के करीब स्थित है, इस क्षेत्र के व्यापार का मुख्य केंद्र बन चुकी है। यहां से रोजाना 200 टन मिर्च का व्यापार होता है। यह मिर्च बिहार और बंगाल होते हुए बांग्लादेश, नेपाल, और सऊदी अरब जैसे देशों तक पहुंचती है। गाजीपुर की इंदु मिर्च अपने बेहतरीन स्वाद और गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में विशेष पहचान बना चुकी है।
उन्नत किस्म की मिर्च से किसानों को हो रही शानदार कमाई
गाजीपुर के किसानों के लिए यह मिर्च एक नई आर्थिक राह बन गई है। दीपक यादव, जो एक स्थानीय किसान हैं, ने Local18 से बातचीत में बताया कि इंदु मिर्च और HP 7410 जैसी किस्मों के फसल उगाकर उन्हें अच्छी आय हो रही है। इंदु मिर्च की विशेषता यह है कि इसकी बनावट पतली होती है, और इसका स्वाद भी काफी खास होता है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पसंदीदा बनाता है। इस मिर्च की तुड़ाई के बाद इसकी बनावट और स्वाद उसे वैश्विक बाजार में उच्च स्थान दिलाते हैं।
इंदु मिर्च की तुड़ाई के बाद इसकी पतली बनावट उसे विशेष बनाती है। जब इसकी तुड़ाई दो से तीन बार होती है, तो मिर्च की गुणवत्ता और स्वाद और भी बेहतर हो जाते हैं। यही वजह है कि इसे बांग्लादेश, नेपाल, गोरखपुर जैसे शहरों के साथ-साथ सऊदी अरब जैसे देशों में भी निर्यात किया जाता है। गाजीपुर की इंदु मिर्च ने अपने स्वाद और गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पहचान बनाई है।
व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र बन चुकी है पातालगंगा मंडी
पातालगंगा मंडी अब गाजीपुर का व्यापारिक केंद्र बन चुकी है, जहां से मिर्च का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है। यह मंडी न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों के व्यापारियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। हालांकि, इस मंडी में सुविधाओं की कमी किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यहां बेहतर यातायात सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद भंडारण, स्वच्छता और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी किसानों के मुनाफे को प्रभावित कर रही है।
यदि यहां की सुविधाओं में सुधार किया जाए तो गाजीपुर की मिर्च का व्यापार और भी बढ़ सकता है और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो सकती है। यह मिर्च न केवल गाजीपुर के किसानों के लिए एक अच्छा स्रोत बन चुकी है, बल्कि इसने गाजीपुर को वैश्विक पहचान भी दिलाई है।
सरकारी मदद और सुविधाओं के सुधार से बढ़ सकती है गाजीपुर की पहचान
गाजीपुर के किसान अब इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि यदि मंडी में सुविधाओं में सुधार किया जाए और सरकार से मदद मिलती है, तो गाजीपुर की इंदु मिर्च वैश्विक बाजार में और भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है। वर्तमान में इंदु मिर्च के निर्यात में वृद्धि हो रही है, लेकिन इससे ज्यादा संभावनाएं भी हैं यदि उचित योजनाओं का पालन किया जाए।
गाजीपुर की इंदु मिर्च न केवल क्षेत्रीय बाजारों में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुकी है। यह स्थानीय किसानों के लिए एक नई आर्थिक संभावना प्रदान कर रही है और इसके निर्यात से गाजीपुर की अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो रहा है। किसानों की आय में यह वृद्धि न केवल उनके लिए लाभकारी है, बल्कि पूरे जिले के लिए भी यह एक सकारात्मक बदलाव साबित हो रहा है।