आज का मंडी भाव

2025 में ग्वार के भाव में उछाल, 7000 रुपये तक पहुंच सकते हैं कीमतें

अमेरिका और चीन से बढ़ती डिमांड से ग्वार के किसानों को मिल सकती है बड़ी राहत

2025 में ग्वार के भाव में उछाल, 7000 रुपये तक पहुंच सकते हैं कीमतें

भारत के ग्वार बाजार में लंबे समय से चल रही सुस्ती के बाद अब एक नई हलचल शुरू हो गई है। पिछले कुछ सालों से ग्वार के भाव में लगातार गिरावट देखी जा रही थी, लेकिन अब हालात बदलने के संकेत मिल रहे हैं। ग्वार का उपयोग पारंपरिक रूप से तेल ड्रिलिंग और गैस इंडस्ट्री में होता आया है, लेकिन अब फूड इंडस्ट्री और अन्य बाय-प्रोडक्ट्स में भी इसकी मांग में वृद्धि हो रही है। इसके चलते ग्वार की कीमतों में तेजी आने की उम्मीद है। कई विश्लेषक और ग्वार कारोबारियों का मानना है कि 2025 तक ग्वार के भाव 6000 से 7000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। इस रिपोर्ट में हम ग्वार बाजार के मौजूदा हालात और भविष्य की संभावनाओं का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।

ग्वार उद्योग की वर्तमान स्थिति
ग्वार और ग्वार गम का उपयोग पारंपरिक रूप से तेल और गैस इंडस्ट्री में होता रहा है। भारत से ग्वार गम का निर्यात मुख्य रूप से अमेरिका को होता है। कोविड-19 के बाद ग्वार गम का उपयोग अब फूड इंडस्ट्री और अन्य उत्पादों में भी होने लगा है, जिससे ग्वार की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले साल करीब 1.25 लाख टन ग्वार गम फूड इंडस्ट्री में भेजा गया, जो इस उद्योग के लिए एक अच्छा संकेत है। इस बढ़ती मांग ने ग्वार के व्यापारियों को नए अवसरों की उम्मीद दी है।

डिमांड और सप्लाई का असंतुलन
ग्वार की कीमतों में लगातार गिरावट आने के कारण पिछले कुछ वर्षों में ग्वार उत्पादन में कमी आई है। पहले भारत में औसतन 60 लाख बोरी ग्वार का उत्पादन होता था, लेकिन अब यह संख्या घटकर काफी कम हो गई है। राहुल मित्तल के अनुसार, पुराने कैरी फॉरवर्ड स्टॉक के सहारे सप्लाई की कमी पूरी हो रही थी, लेकिन अब यह स्टॉक भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। न केवल सप्लाई की कमी है, बल्कि फूड इंडस्ट्री में उपयोग के लिए नई फसल की डिमांड भी ज्यादा है। इसके चलते कीमतों में तेजी आने की संभावना है।

अमेरिका और चीन का प्रभाव
ग्वार उद्योग के लिए एक और बड़ा अवसर अमेरिका में सत्ता परिवर्तन में छिपा हुआ है। जैसा कि सभी जानते हैं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तेल उत्पादक देशों के साथ अच्छे संबंध रखते हैं, और उनके पुनः सत्ता में आने से ऑयल ड्रिलिंग और गैस इंडस्ट्री में तेजी आने की संभावना है। इसका फायदा भारत के ग्वार गम निर्यातकों को हो सकता है, क्योंकि अमेरिका को ग्वार गम का प्रमुख आयातक देश माना जाता है। इसके अलावा, चीन में भी ग्वार गम की डिमांड में तेजी आई है। पहले जहां चीन में ग्वार गम का आयात 10-15 हजार टन तक था, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 1 लाख टन से ऊपर पहुंच चुका है।

ग्वार की कीमतों में संभावित तेजी
अगर डिमांड और सप्लाई की स्थिति इसी तरह बनी रहती है, तो ग्वार के भाव 2025 तक 6500 से 7000 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं। हालांकि, इस समय तक 2011-2012 जैसी बम्पर तेजी की उम्मीद नहीं जताई जा रही है, लेकिन सप्लाई और डिमांड के सही संतुलन के साथ कीमतें 7000 रुपये तक भी पहुंच सकती हैं। सरकार ने ग्वार उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के तौर पर, सरकार ने नए प्लॉट्स पर ग्वार खरीद में मंडी फीस से छूट दी है, जो इस उद्योग के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

बाजार में चुनौती और गड़बड़ियां
ग्वार के बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, जिससे इसमें सट्टेबाजी और अफवाहें फैलती रहती हैं। ग्वार की कीमतों में तेजी और मंदी के चलते बाजार में अक्सर फेक न्यूज और अफवाहें फैलती हैं। हाल ही में एचएम पीवी वायरस की अफवाहों के कारण ग्वार के बाजार में हलचल मची थी, लेकिन स्थिति जल्द ही सामान्य हो गई। इसके अलावा, पुराने प्लांट्स को दिए जा रहे समर्थन के कारण नए और पुराने प्लांट्स के बीच प्रतिस्पर्धा का मुद्दा भी खड़ा हो सकता है।

ग्वार के लिए सकारात्मक संकेत
ग्वार उद्योग के लिए कई सकारात्मक संकेत सामने आ रहे हैं, जो इस उद्योग के भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं:

एक्सपोर्ट में सुधार: अमेरिका और चीन जैसे देशों से बढ़ती डिमांड ग्वार के बाजार के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
फूड इंडस्ट्री में बढ़ता उपयोग: ग्वार गम का उपयोग अब केवल तेल और गैस इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है, बल्कि फूड इंडस्ट्री में भी इसका इस्तेमाल बढ़ा है।
सरकारी नीतियां: सरकार द्वारा नई यूनिट्स को दी जा रही सब्सिडी और अन्य सहायता से उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।
कीमतों में तेजी: सप्लाई की कमी और बढ़ती डिमांड के कारण ग्वार की कीमतों में तेजी आने की पूरी संभावना है।
कैरी-ओवर स्टॉक: पिछले वर्षों में किसानों के पास 1 करोड़ बोरी का कैरीओवर स्टॉक हुआ करता था, लेकिन अब यह घटकर 50 लाख बोरी तक रह गया है।

क्या करें किसान और व्यापारी?
जो किसान और व्यापारी इस समय ग्वार रखे हुए हैं, उनके लिए यह एक अच्छा समय हो सकता है। कीमतों में तेजी की संभावना के चलते, उन्हें अपने ग्वार को होल्ड करने का विकल्प अपनाना चाहिए। जैसे-जैसे डिमांड बढ़ेगी और सप्लाई की कमी होगी, वैसे-वैसे ग्वार के भाव 6000 रुपये से 6500 रुपये तक पहुंच सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button