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Cucumber Farming विज्ञान की इस टेक्निक से किसान कर सकते हैं ताबड़तोड़ कमाई, सर्दियों में खेती से होगा चार गुना ज्यादा मुनाफा
Learn how to increase cucumber production and profits in winter using the low tunnel technique. Discover the benefits and method of this innovative farming approach.
Cucumber Farming खीरे की खेती में वैज्ञानिक तकनीक
आज हम आपको खीरे की खेती की एक खास तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर किसान सर्दियों में भी ताबड़तोड़ कमाई कर सकते हैं। इस तकनीक से न केवल उत्पादन अच्छा होता है, बल्कि मुनाफा भी तीन-चार गुना बढ़ जाता है। इस विधि को लो टनल विधि कहा जाता है।
लो टनल विधि का उपयोग
सामग्री और तैयारी
- लोहे की रॉड या बांस की पत्तियां: दो से तीन मीटर लंबी और एक सेंटीमीटर मोटी रॉड या बांस की पत्तियां, जिन्हें अर्द्ध गोलाकार एक से डेढ़ मीटर चौड़े बेड पर 2 मीटर की दूरी पर गाड़ सकते हैं।
- पारदर्शी पॉलिथीन शीट: 25 से 30 माइक्रोन की पारदर्शी पॉलिथीन शीट से इसे ढक दें।
- ऊंची टनल: इससे फसल पर किट और रोग नहीं आएंगे और मौसम का भी कम असर होगा।
सिंचाई की विधि
- बीजों का चयन: अच्छे बीजों का चुनाव करें ताकि पौधे का विकास सही तरह से हो सके।
- ड्रिप इरिगेशन: ड्रिप इरिगेशन तकनीक से सिंचाई करें, जिससे फसल को आवश्यक पानी मिलता रहे।
इस तकनीक से कमाई
इस तकनीक का फायदा यह है कि दिन में तापमान लगभग 25 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस बना रहता है। अगर आप खीरे की खेती में देसी खाद का उपयोग करते हैं, तो इसके बाद में डीएपी, पोटास और सल्फर लाइन तैयार करके इसमें दबा दें।
क्र. | विवरण | अनुमानित खर्च (₹) | अनुमानित कमाई (₹) |
---|---|---|---|
1 | प्रति बीघा खर्च | ₹10,000 | – |
2 | प्रति बीघा कमाई | – | ₹50,000 से ₹60,000 |
महत्वपूर्ण बातें
- कम लागत और अधिक मुनाफा: इस विधि से खेती करने पर कम लागत में अधिक मुनाफा होता है।
- खराब मौसम का असर कम: पॉलिथीन शीट से ढकने पर खराब मौसम का असर फसल पर कम पड़ता है।
- पौष्टिक और ताजा उत्पादन: इस विधि से उगाए गए खीरे पौष्टिक और ताजे होते हैं।