Flower farming : कम खर्च और ज्यादा आय: फूलों की खेती से लाखों कमा रहा ये किसान
जानिए करनाल के प्रगतिशील किसान जगतार सिंह की कहानी, जिन्होंने धान-गेहूं छोड़कर फूलों की खेती अपनाई और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया। फूलों की खेती के तरीकों और सरकारी मदद की जानकारी प्राप्त करें।
Flower farming : कम खर्च और ज्यादा आय: फूलों की खेती से लाखों कमा रहा ये किसान
देश के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी और भू जल स्तर की गिरावट ने किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर अधिक लाभदायक विकल्पों की तलाश करने पर मजबूर कर दिया है। करनाल जिले के गांव सलारू के प्रगतिशील किसान जगतार सिंह ने धान-गेहूं की पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की खेती अपनाई और अब वे प्रति एकड़ 2 से 3 लाख रुपये कमा रहे हैं। यह उनके जैसी सोच रखने वाले अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा बन गया है।
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
जगतार सिंह का कहना है कि वे पिछले 5 सालों से फूलों की खेती कर रहे हैं, जो उन्हें कम लागत में ज्यादा मुनाफा देती है। फूलों की खेती नकदी वाली फसल होने के कारण हर रोज या हफ्ते में 8 से 10 हजार रुपये की आय देती है। इसके मुकाबले गेहूं और धान की फसलों में अधिक पानी की खपत होती है और खर्च भी ज्यादा आता है, जिससे मुनाफा नहीं होता।
महिला किसान की प्रेरणा
महिला किसान प्रसन्न कौर का कहना है कि पहले वे गेहूं और धान की फसल लगाती थीं, जिसमें खर्च पूरा करना मुश्किल होता था। अब उन्होंने फूलों की खेती अपनाई है, जिससे वे अधिक लाभ कमा रही हैं। यह एक नकदी फसल होने के कारण तुरंत आय देती है और किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करती है।
फूलों की खेती कैसे करें
जगतार सिंह बताते हैं कि गेंदे की खेती से भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बरकरार रहती है। सितम्बर के महीने में लड्डू किस्म की पौध और गर्मी के मौसम में जाफरी किस्म की पौध लगा सकते हैं। साइड की खाली जगहों पर धनिया, पालक, सरसों या मक्का भी लगाया जा सकता है। इस प्रकार की खेती से किसानों को सालाना लाखों रुपये का मुनाफा हो सकता है।
उपाय | प्रभाव |
---|---|
लड्डू किस्म की पौध | सितम्बर में |
जाफरी किस्म की पौध | गर्मी के मौसम में |
धनिया, पालक, सरसों, मक्का | साइड की खाली जगहों पर |
सब्सिडी और सरकारी मदद
सरकार भी किसानों को आधुनिक खेती अपनाने के लिए जागरूक कर रही है। फूलों की खेती के लिए अच्छी सब्सिडी और आधुनिक यंत्रों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। जिससे किसानों को आधुनिक खेती की राह आसान हो सके और वे अधिक मुनाफा कमा सकें।