Ujjwala Yojana कुशीनगर में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों का चौंकाने वाला आंकड़ा – 50% ने नहीं लिया सिलेंडर
Ujjwala Yojana प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जो 2016 में शुरू की गई थी, का उद्देश्य देशभर में गरीब महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करना था।
Ujjwala Yojana : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत कुशीनगर में इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में लाभार्थियों को दो मुफ्त गैस सिलेंडर देने की योजना है। हालांकि, कुशीनगर जिले में 50 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी अभी तक योजना का पहला सिलेंडर प्राप्त नहीं कर पाए हैं। क्या इसके पीछे कोई वजह है? और, कैसे इन लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिल सकता है? इस लेख में हम इन सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
उज्ज्वला योजना Ujjwala Yojana : क्या है इसका उद्देश्य?
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जो 2016 में शुरू की गई थी, का उद्देश्य देशभर में गरीब महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करना था। इसका मुख्य उद्देश्य परंपरागत ईंधन जैसे लकड़ी, गोबर, और कोयले के स्थान पर स्वच्छ ईंधन का उपयोग बढ़ाना है। यह योजना स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
कुशीनगर में कितने लाभार्थी हैं?
कुशीनगर जिले में कुल 3 लाख 13 हजार 536 महिलाएं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की लाभार्थी हैं। इनमें से, 164802 लाभार्थियों ने पहले चरण में पहला सिलेंडर प्राप्त किया है। जबकि 149338 लाभार्थियों ने अभी तक इस सिलेंडर का लाभ नहीं लिया।
पहले सिलेंडर का वितरण: क्या हुआ था?
पहला सिलेंडर अक्टूबर 2024 से दिसम्बर 2024 तक मुफ्त में वितरित किया गया था। इस दौरान, कुल 164802 लाभार्थियों ने इसका लाभ उठाया, जबकि 149338 लाभार्थी इसके लिए आवेदन नहीं कर पाए। क्या वजह है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पाए? क्या यह आधार प्रमाणीकरण या ई-केवाईसी की समस्या है?
ई-केवाईसी: क्या है यह और क्यों जरूरी है?
ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक-केवाईसी) प्रक्रिया के तहत लाभार्थियों को अपनी पहचान प्रमाणित करनी होती है। बिना इस प्रक्रिया के, कोई भी लाभार्थी उज्ज्वला योजना का दूसरा सिलेंडर प्राप्त नहीं कर सकता। इस साल के दूसरे चरण में, जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक दूसरा गैस सिलेंडर मुफ्त में मिलेगा, लेकिन इसके लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है।
क्या है कुशीनगर की स्थिति?
कुशीनगर जिले में 223097 लाभार्थियों ने अभी तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है। जिला पूर्ति अधिकारी गौरी शंकर शुक्ला के अनुसार, ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही लाभार्थी दूसरे सिलेंडर का लाभ ले सकते हैं। अगर यह प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं होती, तो उन्हें दूसरा सिलेंडर नहीं मिलेगा।
क्या हैं लाभार्थियों की समस्याएं?
कई लाभार्थियों का कहना है कि उन्हें ई-केवाईसी करने में समस्या हो रही है। कुछ को आधार कार्ड से संबंधित तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कुछ को गैस एजेंसी से संपर्क करने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या सरकार इन समस्याओं को हल करने के लिए कोई कदम उठाएगी?
दूसरा सिलेंडर कब मिलेगा?
अब, दूसरे सिलेंडर का वितरण 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक होगा। यह सिलेंडर उन्हीं लाभार्थियों को मिलेगा जिन्होंने पहले सिलेंडर का लाभ लिया और साथ ही ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी की। अगर आपने अब तक पहला सिलेंडर नहीं लिया है, तो आपको इस बार दूसरे सिलेंडर का लाभ नहीं मिलेगा।
योजना के फायदे
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को रसोई गैस उपलब्ध कराना है, जिससे महिलाओं को स्वच्छ और सुरक्षित खाना बनाने की सुविधा मिल सके। इसके अलावा, यह योजना स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि परंपरागत ईंधन से होने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है।
क्या सरकार कोई कदम उठाएगी?
सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि लाभार्थी ई-केवाईसी प्रक्रिया को समय पर पूरा करें। इसके लिए लोकप्रिय मीडिया और समाजसेवियों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है।
कुशीनगर में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर का वितरण तो किया जा रहा है, लेकिन ई-केवाईसी की प्रक्रिया में बाधाएं आने के कारण बहुत से लाभार्थी इसका पूरा लाभ नहीं ले पा रहे हैं। अगर इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द सुलझाया जाता है, तो अधिक से अधिक लोग योजना का लाभ उठा सकते हैं और स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल कर सकते हैं।