डिग्गी भंडारण का खाला 2 बार टूटा, 6 बीघा नरमे की फसल में पानी भरा
जलदाय विभाग की लापरवाही के चलते सोमवार सुबह नहर से जलदाय डिग्गी में पानी आपूर्ति का खाला दो बार टूट गया। खाला टूटने से नजदीकी खेतों में नरमे की फसल में पानी भर गया। अधिकारियों की लापरवाही के चलते बार-बार शहर की पेयजल डिग्गी का जर्जर खाला टूटने से शहर में पेयजल संकट के आसार बन गए हैं।
26 अगस्त को जलदाय विभाग का खाला सुबह 3 व 4 बजे के बीच टूट गया। इससे किसान जगदीप सिंह बराड़ व रिछपाल सिंह की 6 बीघा नरमे की फसल व किलू के बाग में पानी भर गया। खेत में बनी डिग्गी भी क्षतिग्रस्त हो गई। किसान ने बताया कि ज्यादा पानी भरने से नरमे की का भी डर है। जिससे उसे लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है।
खाला टूटने से नहर से स्टोरेज डिग्गी के पानी की सप्लाई भी दिनभर बंद कर दी। सात बजे विभाग के जेईएन संदीप कुमार मौके पर पहुंचे। खाले की मरम्मत के बाद 12 बजे नहर से पानी की आपूर्ति शुरू की। करीब 2 घंटे बाद ही रेतीली मिट्टी पानी के साथ बह
गई और खाला फिर टूट गया। इसी बीच मौके पर पहुंचे भाजपा के नगर मंडल अध्यक्ष रविंद्र रसेवट, पूर्व मंडल अध्यक्ष रमेश छाबड़ा, पूर्व पार्षद राजेंद्र भादू ने शहर में पानी की किल्लत को देखते हुए खाले की सफाई नहीं करवाने पर अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई।
जेईएन खाले की मरम्मत का काम फिर से शुरू करवाया। नागरिकों का कहना है कि यदि नहर सात दिन चलती है और 7 दिन बंद रहती है, फिर से दो दिन पेयजल संकट से जूझना पड़ेगा। इससे पहले शहर में पेयजल संकट से लोगों में रोष है।
पिछले सोमवार व मंगलवार को भी डिग्गी में पानी का भंडारण नहीं हो पाया था। इससे पेयजल सप्लाई नहीं हो पाई थी। बुधवार को नहर में पानी आने पर विभाग ने डिग्गी में भंडारण शुरू किया। शहर के नियमित पर जल सप्लाई करने से मामला शांत हो गया।