किसानों को वॉट्सअप व एसएमएस के जरिए मिलेगा शीतलहर व पाला पड़ने का अलर्ट, फसलों को बचाने के तरीके भी बताएंगे
प्रदेश में 10 एग्रो क्लाइमेट जोन, फार्मर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से मिलेगी किसानों को सुविधा
सर्दी के मौसम में शीतलहर चलने व पाला पड़ने से फसलों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसानों के पास मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी होने से इस नुकसान से बचा जा सकता है। इस सुविधा के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय व मौसम विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
इस बार अभी तक शीतलहर और पाला पड़ने का दौर बाकी है, लेकिन इससे पहले किसान मौसम सेवा से जुड़कर अपनी फसलों की अच्छे से देखभाल कर सकते हैं। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा प्रदेश में मौसम विभाग के साथ साथ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही है। राजस्थान की जलवायु के अनुसार 10 एग्रो क्लाइमेट जोन बनाए गए हैं। इसी अनुसार अलग-अलग जोन के किसानों के ।
जानकारी दी जा रही है। लिए मौसम की अकेले जयपुर, अजमेर, दौसा व टोंक क्षेत्र के करीब चार लाख से ज्यादा किसानों को सप्ताह में दो बार मौसम के बारे में बताया जा रहा है। इनके अलावा दस हजार ऐसे किसान हैं, जो सीधे वॉटसएप पर भी जुड़े हुए हैं। इसी तरह प्रत्येक जोन में तीन से चार लाख किसान इस सुविधा का फायदा ले रहे हैं, लेकिन प्रदेश के कुल एक करोड़ किसानों की संख्या देखते हुए यह आंकड़ा काफी कम है।