औषधीय पौधे उत्पादक किसानों व आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं के बीच घटेगी दूरी
चंडीगढ़ अब औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियों की खेती कर रहे किसानों और आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं के बीच दूरी घटेगी। आनलाइन पोर्टल शुरू करने का प्रस्ताव है जिस पर किसान पंजीकरण करा सकेंगे। इस पोर्टल से दवा निर्माताओं को जड़ी-बूटी और औषधीय पौधे खरीदने का विकल्प मिलेगा
आयुष महानिदेशक संजीव वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित औषधीय किसानों एवं आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं की बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कुल 4000 किसान औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं। विपणन और बिक्री के लिए कोई बाजार उपलब्ध न होने के कारण इन किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।
फार्मेसी मालिकों ने सुझाव दिया कि उन्हें अपने कच्चे माल की उचित सुखाने की सुविधा, भंडारण सुविधा और प्राथमिक प्रसंस्करण का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयों का उत्पादन करना चाहिए, ताकि दवा निर्माता इसे सीधे खरीद सकें।
राज्य औषधीय पादप बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लगभग 30 किसानों और 20 आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं ने भागीदारी की। बैठक में आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनी द्वारा एक आनलाइन पोर्टल तैयार करने का सुझाव दिया गया, जिस पर किसान पंजीकरण के बाद औषधीय पौधों के कच्चे माल का विवरण दर्ज कर सकेंगे। पोर्टल से फार्मेसी मालिकों को सीधे किसान से दवा खरीदने में मदद मिलेगी।