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Cottan farming: कहीं बीज ही नहीं उगा, तो कहीं खड़ी फसल गल कर हो गई खत्म, किसानों के लिए मुसीबत बना सफेद सोना, रुला रहा खून के आंसू😭

पिछले वर्ष की रिकॉर्ड तोड़ बुवाई के बावजूद, उत्पादन और बाजार भाव की कमी ने किसानों को निराश कर दिया।

Cottan farming: कहीं बीज ही नहीं उगा, तो कहीं खड़ी फसल गल कर हो गई खत्म, किसानों के लिए मुसीबत बना सफेद सोना, रुला रहा खून के आंसू😭

 

पिछले कुछ वर्षों में सफेद सोना कही जाने वाली कपास की खेती किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। पिछले वर्ष की रिकॉर्ड तोड़ बुवाई के बावजूद, उत्पादन और बाजार भाव की कमी ने किसानों को निराश कर दिया। कपास की खेती में लागत निकालना ही मुश्किल हो गया है, जिससे किसानों के सामने नए संकट पैदा हो गए हैं।

बढ़ती लागत और घटती पैदावार

पिछले साल, कपास की बुवाई का रकबा बढ़कर 80 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गया था। लेकिन, कीटों के प्रकोप के कारण पैदावार बहुत कम रही। दूसरी ओर, चुनाई में भी 20 रुपए प्रति किलो तक की मजदूरी की लागत किसानों पर भारी पड़ी। इसके अलावा, 2022 की तुलना में बाजार भाव में भी 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जिससे कपास की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हुई।

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इस वर्ष कपास की फसल में संकट की शुरुआत बुवाई के दौरान ही हो गई थी। मई के दूसरे सप्ताह से शुरू हुई तेज गर्मी और असामान्य तापमान के कारण बुवाई में देरी हुई। बुवाई से लेकर कपास रुई की चुनाई तक की बढ़ी हुई लागत किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है। प्रति बीघा बीज की लागत 1700 रुपए तक आती है, जबकि चुनाई के लिए प्रति किलो 20 रुपए तक का खर्च उठाना पड़ता है।

कीट प्रकोप

कपास में कीट और रोगों का प्रकोप भी पिछले कुछ वर्षों में बहुत बढ़ गया है। इनके नियंत्रण के लिए प्रति बीघा 5 से 7 हजार रुपए का खर्च आता है। इसके अतिरिक्त, बुवाई, खाद, सिंचाई, और मजदूरी की लागत को देखते हुए किसानों के सामने प्रति बीघा 4 क्विंटल पैदावार बरकरार रखने की चुनौती है।

किसानों को मिलेगा सहयोग

तुलछाराम सिंवर, प्रदेशमंत्री, भारतीय किसान संघ का मानना है कि सरकार को कपास की फसल लागत को कम करने के लिए कीट नियंत्रण में यांत्रिक विधियों पर अनुदान जारी करना चाहिए। इसके अलावा, गुणवत्तापूर्ण सस्ता बीज उपलब्ध करवाने और मनरेगा के तहत किसानों को कपास के बुवाई रकबे अनुसार मस्टररोल जारी कर रुई चुगाई में सहयोग करना चाहिए। इससे किसानों को काफी राहत मिल सकती है।

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