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Dhaincha Farming ढैंचा की खेती: किसानों के लिए फायदे का सौदा, मिट्टी के पोषक तत्व भी बढ़ें

Learn about the benefits and methods of cultivating Dhaincha, a profitable crop known as "Green Gold". Understand how to increase soil nutrients and earn high profits.

Dhaincha Farmingढैंचा की खेती: हरे सोने का नाम

किसान अगर अपनी खेती में उच्च लाभ चाहते हैं तो ढैंचा की खेती एक उत्तम विकल्प साबित हो सकती है। ढैंचा को “हरे सोने” की खेती कहा जाता है। इसकी डिमांड बाजार में खूब अधिक होती है और इसकी पत्तियों का उपयोग हरी खाद के रूप में किया जाता है, जिससे मिट्टी के पोषक तत्व और कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ती है।

ढैंचा की खेती के फायदे

  1. उत्तम कमाई: ढैंचा के बीज बाज़ार में लगभग ₹40 प्रति किलो के हिसाब से बिकते हैं। एक एकड़ में ढैंचा की खेती से लगभग 25 टन तक की पैदावार हो सकती है, जिससे लाखों रुपये की कमाई हो सकती है।
  2. मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ाना: इसकी खेती से मिट्टी में पोषक तत्व और कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ती है, जो अगली फसल के समय बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करता है।
  3. हरी खाद का स्रोत: इसकी पत्तियों का उपयोग हरी खाद के रूप में किया जा सकता है, जिससे खाद का खर्च भी बच जाता है।

Dhaincha Farming ढैंचा की खेती कैसे करें?

  1. खेती की तैयारी:
    • सबसे पहले खेत को अच्छी तरह से जोतें।
    • बीज भंडार से ढैंचा के बीज खरीदें।
  2. बुवाई:
    • ढैंचा की बुवाई छिड़काव विधि से करें।
    • बीजों को मिट्टी में मिलाने के बाद गुनगुने पानी का छिड़काव करें।
  3. देखभाल और सिंचाई:
    • पौधों को नियमित सिंचाई दें।
    • फसल को रोग और कीटों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
  4. फसल की कटाई:
    • ढैंचा की फसल लगभग 40-45 दिनों में तैयार हो जाती है।
    • फसल को काटने के बाद बाजार में बेचें।

कमाई की संभावना

क्र.विवरणअनुमानित कमाई (₹)
1प्रति किलो ढैंचा बीज की कीमत₹40
2प्रति एकड़ पैदावार (टन)25
3कुल कमाई (₹)लाखों में

महत्वपूर्ण बातें:

पहलूविवरण
फसल का नामढैंचा
डिमांडहरी खाद और पोषक तत्व बढ़ाने के लिए
पैदावार25 टन प्रति एकड़
बीज की कीमत₹40 प्रति किलो

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