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सिरसा की गीता ने दी 2500 महिलाओं को ट्रेनिंग, ऑनलाइन बेच रहीं उत्पाद; ससुर को स्प्रे से एलर्जी हुई तो प्रवेश बन गई ड्रोन पायलट

ये हैं ड्रोन दीदी स्वयं सहायता समूह चलाकर दे रहीं महिलाओं को रोजगार और प्रशिक्षण

महिलाएं भी खेती में आत्मनिर्भर बन रही हैं। सिरसा जिले के खाजाखेड़ा निवासी गीता ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र से फल व सब्जियों के प्रसंस्करण में ट्रेनिंग ली। अब तक 2500 के करीब महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुकी हैं।

इनमें कई महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाकर रोजगार के योग्य बनाया है। किसान दिवस पर 23 दिसंबर को हकृवि में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में कृषि मंत्री गीता को सम्मानित कर चुके हैं। गीता हकृवि के ज्ञान केंद्र, हरको फैडरेशन और जन शिक्षण संस्था एनजीओ से जुड़ी हैं और इनके जरिए गांव-गांव फल व सब्जियों के प्रसंस्करण को लेकर ट्रेनिंग सैशन चलाती हैं। साल 2018 में गीता ने स्वयं केवीके से ट्रेनिंग ली और 2019 में वह स्वयं भी इनकी ट्रेनर बन गई।

उनसे प्रशिक्षण पाकर एक स्वयं सहायता समूह सिरसा शहर में बस स्टैंड के पास ग्राम रसोई नाम से कैंटीन भी चला रहा है। कई ग्रुप अचार, जैम, कैंडी व सॉस बनाकर किचन क्लाउड के जरिए ऑनलाइन इन उत्पादों को बेचता है। कृषि मेलों यमुनानगर के रादौर ब्लॉक के गांव रतनगढ़ की प्रवेश कुमारी राज्य की पहली ड्रोन पायलट बनी।

किसान दिवस पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने उनको सम्मानित किया। प्रवेश कुमारी ने बताया कि उनके ससुर राजकुमार खेती करते हैं, स्प्रे के दौरान उनको स्किन एलर्जी हो गई। इसी बीच यमुनानगर में विकसित हरियाणा यात्रा के दौरान उन्होंने ड्रोन देखा और इसको उड़ाने के प्रशिक्षण की सोची। गुरुग्राम, मानेसर और सोहना में प्रशिक्षण के बाद वे ड्रोन पायलट बनी, अब अपने खेतों के अलावा दूसरे किसानों के खेतों में भी वे स्प्रे करती हैं।

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