सर्दियों में मेथी की खेती से कमाएं लाखों, सिर्फ 22 दिनों में फसल तैयार!
सर्दियों में मेथी की खेती से कमाएं लाखों। जानें बुवाई का सही तरीका, उपयुक्त मिट्टी, सिंचाई, और लागत से लेकर मुनाफे तक की पूरी जानकारी।
नई दिल्ली, : सर्दियों के मौसम में सब्जियों की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है, खासकर मेथी जैसी पत्तेदार सब्जियों की। किसानों के लिए यह समय अतिरिक्त आय कमाने का बेहतरीन अवसर है। सिर्फ 22-25 दिनों में तैयार होने वाली मेथी की खेती न केवल कम समय में मुनाफा देती है, बल्कि इसके बीज भी बाजार में सालभर बिकते हैं।
क्यों है मेथी की खेती फायदेमंद?
मेथी सर्दियों की एक बेहद लोकप्रिय सब्जी है। इसका उपयोग सब्जी, पराठा, साग, पूड़ी और कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों में होता है। बाजार में इसकी मांग इतनी ज्यादा है कि किसान इससे लाखों रुपये कमा सकते हैं।
मेथी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
मेथी की खेती लगभग हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन बेहतर उत्पादन के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखें:
- मिट्टी का प्रकार: अच्छी जल निकासी वाली चिकनी दोमट मिट्टी।
- पीएच मान: मिट्टी का पीएच 6-7 के बीच होना चाहिए।
- जलवायु: सर्दियों का मौसम मेथी की खेती के लिए सबसे अनुकूल है।
बुवाई का सही तरीका
- बीज की तैयारी: बुवाई से पहले बीजों को 8-12 घंटे पानी में भिगो दें। इससे अंकुरण तेजी से होता है।
- खाद का उपयोग: जैविक खाद और गोबर की खाद का प्रयोग करें।
- बीज उपचार: मिट्टी जनित रोगों से बचाव के लिए बीजों का उपचार जरूरी है।
बुवाई के बाद लगभग 22-25 दिनों में पहली कटाई के लिए फसल तैयार हो जाती है।
मेथी की खेती से होने वाली कमाई
मेथी की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है।
क्षेत्रफल (एकड़) | लागत (रुपये) | आमदनी (रुपये) |
---|---|---|
1 | 30,000 | 2,00,000 |
2 | 60,000 | 4,00,000 |
किसान एक एकड़ भूमि पर मेथी की खेती से लगभग 2 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
मेथी के बीजों की अतिरिक्त आय
मेथी की खेती से केवल पत्तियां ही नहीं, बल्कि इसके बीज भी प्राप्त होते हैं। ये बीज बाजार में सालभर बिकते हैं और किसानों को अतिरिक्त आमदनी देते हैं।
कैसे करें मेथी की बुवाई?
मेथी के बीजों को बुवाई से पहले 8 से 12 घंटे के लिए पानी में भिगो दें और 4 ग्राम थीरम, 50% कार्बेंडाजिम से रासायनिक उपचार या फिर गौ मूत्र का इस्तेमाल करके जैविक बीज उपचार सकते हैं. बता दें कि बीजोपचार के 8 घंटे बाद ही मेथी के बीजों को खेतों में लगाना चाहिये. खेतों में इसकी बुवाई छिड़काव या ड्रिल विधि से की जाती है. इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. मेथी की बुवाई के लिए सितंबर माह सबसे उपयुक्त होता है. मैदानी इलाकों में इसकी बुवाई के लिये सितंबर से लेकर मार्च का समय, जबकि पहाड़ी इलाकों में जुलाई से लेकर अगस्त तक का समय सबसे बढ़िया माना जाता है.
खेती के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
- सिंचाई: फसल को समय-समय पर हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है।
- रोग नियंत्रण: फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए जैविक उपचार करें।
- कटाई: कटाई के बाद मेथी को ताजा बाजार में भेजें ताकि अच्छी कीमत मिल सके।
मेथी की खेती के लाभ
- कम समय में तैयार फसल।
- लागत के मुकाबले अधिक मुनाफा।
- बीजों से सालभर कमाई।
- बाजार में हमेशा उच्च मांग।
मेथी की खेती कैसे शुरू करें?
अगर आप भी मेथी की खेती से लाखों कमाना चाहते हैं, तो अभी से इसकी तैयारी शुरू करें। यह खेती न केवल आपकी आय को बढ़ाएगी, बल्कि पारंपरिक फसलों के साथ अतिरिक्त लाभ का जरिया भी बनेगी।