कृषि समाचार

ससुराल से मिली प्रेरणा! रेतीली और बंजर जमीन में लगा दी ATM मशीन

Got inspiration from in-laws! Installed ATM machine on sandy and barren land

गांव कुम्हारिया के किसान पवन बैनीवाल को किन्नू के बाग ने किया मालामाल
पवन बैनीवाल ने रेतीली और बंजर जमीन में साल  2008 में लगाया किन्नू का बाग, अब हो रही लाखों की कमाई
 

चोपटा (सिरसा) राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के पैंतालिसा क्षेत्र में रेतीली जमीन है तथा अन्तिम छोर पर पडऩे के कारण हमेशा सिंचाई के पानी की कमी रहती है। जब भी राजस्थान में सूखा या अकाल पड़ता है तो उसकी काली छाया इस क्षेत्र पर अवश्य पड़ती है। तब परंपरागत खेती से आमदनी कम हो जाती है। और आर्थिक स्थिति डावांडोल हो जाती है। लेकिन गांव कुम्हारिया (सिरसा) के किसान पवन बैनीवाल ने हौसला हारने की बजाए कमाई का जरिया खोजा।

IMG 20220327 WA0043

उसने अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए वर्ष 2008 में 15 एकड़ भूमि में किन्नू का बाग लगाया। इससे परंपरागत कृषि के साथ अतिरिक्त आमदन शुरू हो गई। अब 70 हजार रुपये प्रति एकड़ की कमाई होने लगी यानी  हर वर्ष करीब 10 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई। लीक से हटकर कुछ करने के जज्बे ने पवन को हरियाणा के साथ- साथ निकटवर्ती राजस्थान के आस पास के गांवों में अलग पहचान भी दिलवाई। अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गया।
IMG 20220327 WA0041
ससुराल से मिली प्रेरणा के बाद बना औरों के लिए प्ररेणा स्रोत
पवन बैनीवाल ने बताया कि  रेतीली जमीन व नहरी पानी की हमेशा कमी  के कारण परंपरागत खेती में अच्छी बारिश होने पर तो बचत हो जाती वरना घाटा ही लगता। तभी अपनी ससुराल डिंंगावाली (पंजाब)में किन्नू के बाग देखे वहां पर जमीन में कतारों में किन्नू के पौधे लगे हुए थे, तथा कतारें के बीच अन्य फसलों (गेंहू,सरसों आदि) की बिजाई की हुई थी। वहां से पे्ररणा लेकर 15 एकड़ जमीन में किन्नू का बाग लगाया। किन्नू के पौधों में जल्दी सिंचाई की जरूरत नहीं होती। पवन ने बताया कि अब इस जमीन में किन्नू के पौधौ के साथ साथ मौसमी  फसले गेंहू, सरसों, ग्वार बाजरा व कपास नरमें की खेती भी करता है। शुरू में तो किन्नू के बाग से उसे 5 लाख रूपये सालाना अतिरिक्त आमदनी होने लगी है। लेकिन अब हाल के वर्षों में 70 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से करीब 10 लाख रुपये अतिरिक्त आमदनी होने लगी।

IMG 20220327 WA0050

पवन बैनीवाल ने बताया कि उसने सबसे पहले गांव में  बाग लगाया। उसके बाग को देखकर गांव के कई किसानों ने भी किन्नू के बाग लगाकर कमाई शुरू कर दी है।  पास लगती राजस्थान क ी तहसील भादरा के कई् गांवों के किसान किन्नू क ा बाग देखनें के लिए आते हैं और परंपरागत खेती के साथ अतिरिक्त कमाई का जरिया देखकर खुश होते हैं। पवन बैनीवाल ने बताया कि वह सब्जियां अपने खेत में ही उगाता है कभी भी बाजार से नहीं लाता। मौसम के अनुसार बैंगन, घीया, तोरी, टमाटर, लहसून, प्याज, गाजर इत्यादि उगा लेता है और ताजी सब्जी ही बनाता है।

पानी की डिग्गी  से कर रहा जल की बचत
पवन बैनीवाल ने बताया कि सरकार के सहयोग से उसने खेत में एक पानी की डिग्गी भी बना ली है। उस डिग्गी में पानी इक्टठा करके रखता है जब भी सिचांई की जरूरत होती है, तभी किन्नू के पौधों व फसलों मे सिंचाई कर लेता है। वह सिंचाई ड्रिप सिस्टम द्वारा की जाती है , जिससे पानी व ,खाद व दवाई सीधे  पौधों  को मिल जाती है। तथा पानी बेकार नहीं जाता। आस पड़ोस के किसानों क ो जब भी सिंचाई के पानी की जरूरत नहीं होती तो वह उन किसानों से किराए पर पानी लेकर डिग्गी भर लेता है। जिसमें मछली पालन से भी अतिरिक्त कमाई होती है।

IMG 20220327 WA0045
चोपटा में मंडी व वैक्सिंग प्लांट लगाया जाए
पवन बैनीवाल ने बताया कि उसके गांव से सिरसा मण्डी 37 किलोमीटर दूर पड़ती है। जिससे फलों को वहां ले जाकर बेचने में यातायात खर्च ज्यादा आता है। तथा बचत कम होती है। इसके अलावा नजदीक में कोई वैकिसंग प्लांट भी नहीं है जिसमें की फलों को संभाल कर रखा जाए।  उसका कहना है कि अगर फलों की मण्डी नाथूसरी चोपटा में विकसित हो जाए तो यातायात खर्च कम होने से बचत ज्यादा हो जाएगी। तथा एक वैक्सिंग प्लांट लगाया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button