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Mustard crop : माहू-चेपा कीट से सरसों की फसल हो रही चोपट!  अपनाएं ये प्रभावी उपाय

जानें कैसे माहू-चेपा कीट से सरसों की फसल को बचाएं। रासायनिक और जैविक नियंत्रण के उपाय और फसल की सुरक्षा के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

Mustard crop : माहू-चेपा कीट से सरसों की फसल हो रही चोपट!  अपनाएं ये प्रभावी उपाय

Mustard crop : 13 जनवरी 2025 :इस बार सिरोही जिले के किसान बड़ी संख्या में सरसों की खेती कर रहे हैं। लेकिन हर साल की तरह इस बार भी सरसों की फसल पर माहू-चेपा कीट का खतरा मंडरा रहा है। आइए जानते हैं इस कीट के बारे में और इससे बचाव के उपाय।

माहू-चेपा कीट का परिचय

माहू-चेपा कीट हरे रंग के होते हैं और ये पौधों के तनों, पत्तियों, फूलों और नई फलियों के रस को चूसकर उन्हें कमजोर कर देते हैं। इसके कारण पौधों की उपज और तेल की मात्रा में कमी आ जाती है। माहू कीट मधुस्राव करते हैं, जिस पर काली फफूंद उग आती है, जिससे पौधे की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में रुकावट आती है। खास तौर पर बादल छाए रहने और ठंडे मौसम में यह कीट अधिक सक्रिय होते हैं।

किसानों के लिए सलाह

कृषि विभाग के अनुसार, किसानों को अपनी फसल को माहू कीट से बचाने के लिए रासायनिक और जैविक नियंत्रण अपनाना चाहिए। सही समय पर कीटनाशक का उपयोग और नियमित निरीक्षण से इस कीट के प्रकोप से फसल को बचाया जा सकता है।

रासायनिक नियंत्रण

सरसों की फसल पर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल 40 एमएल प्रति एकड़ के हिसाब से 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से माहू कीट फसल से दूर रहते हैं।

जैविक नियंत्रण

जैविक नियंत्रण में फसल पर नीम के तेल को तरल साबुन के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इससे कीट नियंत्रित रहते हैं और पौधे स्वस्थ रहते हैं।

एहतियात और बचाव के उपाय

  1. नीम के तेल का छिड़काव: नीम के तेल को तरल साबुन के साथ मिलाकर छिड़काव करें।
  2. इमिडाक्लोप्रिड का उपयोग: इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल का छिड़काव करें।
  3. नियमित निरीक्षण: फसल का नियमित निरीक्षण करें और समय रहते उपाय करें।
उपायविवरण
नीम के तेल का छिड़कावतरल साबुन के साथ
इमिडाक्लोप्रिड का उपयोग40 एमएल प्रति एकड़
नियमित निरीक्षणसमय-समय पर

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