sunflower cultivation साल में 3 बार ले सकते हैं सूरजमुखी की फसल किस महीने में की जाती है?
sunflower cultivation 15 जनवरी से शुरू करें सूरजमुखी की बिजाई
सूरजमुखी एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है। यह हरियाणा में लगभग 45000 एकड़ में उगाई जाती है। अम्बाला और कुरुक्षेत्र में 25000 एकड़ में यह फसल होती है। कुलपति प्रोफेसर बीआर कांबोज ने बताया कि सूरजमुखी की अधिक पैदावार लेने के लिए समय पर बिजाई के अलावा बेहतर फसल प्रबंधन करना भी जरूरी है।
अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि अच्छी पैदावार के लिए सूरजमुखी की बिजाई 15 जनवरी से 15 फरवरी तक पूरी कर लें। समय पर बिजाई के लिए हरियाणा सूरजमुखी नं. 1 व संकर किस्में के बीएसएच-1, एमएसएफएच-8, पीएसी-36, केबीएसएच-44, एचएसएफ एच 848 और पीसीएसएच-234, पछेती बिजाई के लिए संकर किस्में एमएस एफएच-17, पीएसी 1091, सनजीन-85, प्रोसन-09 और एचएसएफएच-848 किस्मों का बीज प्रयोग करें। उन्नत किस्म का 4 और संकर किस्मों का 1.5. से 2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ डालें। बिजाई से पहले बीज को 4-6 घंटे तक पानी में भिगोकर छाया में सुखा लें।
फफूंदीनाशक से बीज का उपचार करना जरूरी है। उन्नत किस्म में कतारों के बीच की दूरी 45 सेमी तथा पौधों के बीच की दूरी 30 सेमी और संकर किस्मों के लिए कतारों में 60 सेमी एवं पौधों में दूरी 30 सेमी रखें। बीज की गहराई 3-5 सेमी रखें। सहायक वैज्ञानिक डॉ. सतपाल ने बताया कि उन्नत किस्म एवं सामान्य उपजाऊ अवस्थाओं में संकर किस्मों में 24 किलोग्राम शुद्ध नाइट्रोजन तथा 16 किलोग्राम शुद्ध फास्फोरस प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। संकर किस्मः हाइब्रिड के लिए 40 किग्रा नाइट्रोजन (90 किग्रा यूरिया) तथा 20 किग्रा फास्फोरस (125 किग्रा सिंगल सुपर फास्फेट) प्रति एकड़ डालें।