परंपरागत खेती के बजाय नर्सरी की तरफ बढ़ रहा किसानों का रुझान
कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण के लिए 20 किसानों ने कराया पंजीकरण
किसान परंपरागत खेती के साथ दूसरे व्यवसाय भी अपना रहे हैं। इसके प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करा रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लेने वालों में संख्या निर्धारित बैच से ज्यादा हो गई। जिस पर उन्हें अगले चरण के प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा। एक प्रशिक्षण शिविर में 20 किसानों को शामिल किया जा सकता है।
प्रशिक्षण में मुख्य रूप से अच्छी मिट्टी का उपयोग करने के साथ मौसम के हिसाब से पौधे नर्सरी में रखने के बारे में जानकारी दी गई है। इसमें कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से इनकी सहायता भी की जाएगी।
नर्सरी में प्रयोग किए जाने वाले संसाधन केंद्र की तरफ से दिए जाएंगे। शहरी क्षेत्र की सीमा के पास जिले में 14 गांव हैं। इन गांवों से मुख्य रास्ते शहर के बाहरी क्षेत्र में हाईवे तक आते हैं। इसलिए आउटर के इन क्षेत्रों में नर्सरी व्यवसाय का अधिक स्कोप माना गया है।
नर्सरी व्यवसाय शुरू करने के लिए ट्रेनिंग दी गई है। इनको उपयोगी संसाधन भी दिए जाएंगे। जिससे उन्हें व्यवसाय शुरू करने में आसानी रहेगी।
डॉ. रामकरण गौड़, कृषि विज्ञान केंद्र