कृषि समाचार

Wheat Farming : गेहूं में मोटे और चमकदार दाने चाहिए तो अपनाएं ये जादुई उपाय

Learn effective tips to boost wheat yield with larger and shinier grains using magical fertilizers and sprays. Discover the importance of Flag Leaf Production Stage and how to protect your crop.

Wheat Farming : गेहूं में मोटे और चमकदार दाने चाहिए तो अपनाएं ये जादुई उपाय

Wheat Farming, Uttar Pradesh – 11 January 2025: गेहूं की खेती केवल एक फसल उत्पादन प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह किसानों की मेहनत और परिश्रम का जीता-जागता उदाहरण है। समय के साथ नई तकनीकों और उत्पादों का उपयोग करते हुए किसान अपनी पैदावार को बेहतर बना सकते हैं। आज हम आपको गेहूं की फसल के 65 से 75 दिनों के बीच के महत्वपूर्ण चरण, जिसे “फ्लैग लीफ प्रोडक्शन स्टेज” कहा जाता है, के बारे में जानकारी देंगे। इस अवस्था में किए गए छोटे-छोटे उपाय आपकी फसल के उत्पादन में बड़ी वृद्धि ला सकते हैं।

फ्लैग लीफ प्रोडक्शन स्टेज का महत्व

65 दिन की अवस्था में गेहूं की फसल अपनी “फ्लैग लीफ” स्टेज में होती है। फ्लैग लीफ वह मुख्य पत्ता है जो पौधे की ऊर्जा और भोजन उत्पादन का केंद्र है। यह पत्ता सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करके पौधे के लिए भोजन तैयार करता है। यदि यह पत्ता स्वस्थ और हरा-भरा रहता है, तो फसल का उत्पादन और दानों की गुणवत्ता दोनों बेहतर होते हैं। फ्लैग लीफ की स्थिति सीधे फसल के अंतिम उत्पादन को प्रभावित करती है।

लम्बी बलिया और मोटे दाने के लिए उपाय

विशेषज्ञों का कहना है कि फसल की 65 से 75 दिनों की अवस्था में एक विशेष स्प्रे करना चाहिए। इस समय पर पौधे में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यदि सही फफूंदनाशक और पोषक तत्वों का उपयोग किया जाए, तो फसल न केवल बीमारियों से बच सकती है, बल्कि उसकी गुणवत्ता और उत्पादन में भी वृद्धि हो सकती है।

उपायलाभ
सिंजेंटा का “इंपैक्ट एक्स्ट्रा”येलो रस्ट और पाउडरी मिल्ड्यू जैसी बीमारियों से बचाव
एनपीके 0:52:34 (फास्फोरस और पोटाश)फसल को मजबूती और स्वस्थ विकास
माइक्रोन्यूट्रिएंट्सपोषक तत्वों की कमी को दूर करना और पौधों को हरा-भरा रखना

इंपैक्ट एक्स्ट्रा के फायदे

“इंपैक्ट एक्स्ट्रा” फसल को येलो रस्ट और पाउडरी मिल्ड्यू जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाता है। यह फ्लैग लीफ को हरा-भरा और मजबूत बनाए रखता है। बालियों में दानों की संख्या और वजन बढ़ता है, और दानों में चमक आ जाती है। इसके अलावा, यह फसल के मैच्योरिटी पीरियड को 4-5 दिन तक बढ़ा देता है, जिससे गर्म हवाओं के दौरान फसल सुरक्षित रहती है।

अन्य पोषक तत्वों का ध्यान

स्प्रे के साथ-साथ फसल को सही पोषण देना भी जरूरी है। एनपीके 0:52:34 (फास्फोरस और पोटाश) का उपयोग फसल को मजबूती प्रदान करता है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का सही मात्रा में उपयोग फसल को पूरी तरह से स्वस्थ और मजबूत बनाता है।

किसानों के अनुभव

एक किसान ने इंपैक्ट एक्स्ट्रा का उपयोग किया और पाया कि उनका उत्पादन अन्य खेतों की तुलना में 2.5-3 क्विंटल तक अधिक रहा। यह नतीजा इंपैक्ट एक्स्ट्रा और सही पोषण के उपयोग की प्रभावशीलता को दर्शाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button