Wheat new variety : बिना सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए तैयार हो रही गेहूं की नई किस्म
जानें बिना सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए तैयार हो रही गेहूं की नई किस्म के बारे में। नई किस्म की विशेषताएं, बीज की तैयारी, और शोध प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त करें।
Wheat new variety : बिना सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए तैयार हो रही गेहूं की नई किस्म
Wheat new variety : 13 जनवरी 2025 : जम्मू और कश्मीर के कंडी इलाकों के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। स्कॉस्ट जम्मू ने बिना सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए गेहूं की एक नई किस्म लांच करने की तैयारी की है। यह नई किस्म 110 से 120 दिनों में पक कर तैयार हो जाएगी, जो पुरानी किस्मों की तुलना में काफी कम समय लेती है।
नई किस्म की विशेषताएं
स्कॉस्ट जम्मू के वैज्ञानिक डॉ. सुभाष कश्यप ने बताया कि नई किस्म के गेहूं का आटा सफेद रंग का होता है, जो खाने में स्वादिष्ट और रोटी नर्म बनती है। यह नई किस्म बिना सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी बेहतरीन उपज देने में सक्षम है।
नई किस्म के बीज की तैयारी
स्कॉस्ट जम्मू के अनुसार, हर साल कंडी क्षेत्र में नवंबर और दिसंबर में बारिश न होने से बिजाई रुक जाती है। इस कारण फसल मई में तैयार होती है। लेकिन अब नई किस्म के बीज को लेटर श्रेणी, यानी देरी से बीजी जाने वाले बीजों में रखा गया है। दिसंबर के अंत में बिजाई करने पर अप्रैल के बीच में फसल पक कर तैयार हो जाएगी।
शोध और मंजूरी प्रक्रिया
नई किस्म के बीज पर शोध 2016 से चल रहा है और अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। जून में इसे मंजूरी के लिए प्रदेश कमेटी के पास भेजा जाएगा और इसके बाद केंद्रीय कमेटी इसे अंतिम रूप देगी। अक्टूबर में किसानों को बीज उपलब्ध कराने की तैयारी है।
जम्मू-कश्मीर में असिंचित इलाका
प्रदेश में 388703 हेक्टेयर भूमि बिना सिंचाई के है, जिसमें जम्मू संभाग में 253703 हेक्टेयर और कश्मीर घाटी में 135000 हेक्टेयर इलाका आता है। राज्य में 70 फीसदी इलाका असिंचित है।
क्षेत्र | असिंचित भूमि (हेक्टेयर) |
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जम्मू संभाग | 253703 |
कश्मीर घाटी | 135000 |
प्रदेश में गेहूं कुल 254745 हेक्टेयर भूमि में उगाई जाती है और कुल पैदावार 517979 (20.33 फीसदी) क्विंटल है। प्रदेश में 80 फीसदी गेहूं की खरीद पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है।
फसल | भूमि (हेक्टेयर) | पैदावार (क्विंटल) |
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गेहूं | 254745 | 517979 |