कृषि श्रमिकों और ड्राइवरों की मांग में उछाल, 2030 तक सृजित होंगी 7.8 करोड़ नई नौकरियां
2030 तक कृषि श्रमिकों और वाहन चालकों की मांग में भारी इजाफा होगा। डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट के अनुसार, 17 करोड़ नई नौकरियां सृजित होंगी। जानिए कैसे तकनीकी प्रगति और कौशल विकास से यह संभव होगा।
नई दिल्ली, : अगले पांच सालों में कृषि श्रमिकों और वाहन चालकों की मांग में भारी इजाफा देखने को मिलेगा। यह जानकारी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की हालिया रिपोर्ट “भविष्य की नौकरी रिपोर्ट 2025” में सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक 17 करोड़ नई नौकरियां सृजित होंगी, जबकि 9.2 करोड़ नौकरियां खत्म हो सकती हैं। इसका मतलब शुद्ध रूप से 7.8 करोड़ नई नौकरियां जुड़ेंगी।
स्विट्जरलैंड के दावोस में 20 से 25 जनवरी को होने वाले डब्ल्यूईएफ की सालाना बैठक से कुछ दिन पहले जारी की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नई-नई प्रौद्योगिकी आने के साथ 2030 तक नौकरियों में व्यापक स्तर पर बदलाव आने की संभावना है।
तकनीकी प्रगति के अलावा जनसंख्या संबंधी बदलाव, भू-आर्थिक तनाव और आर्थिक दबाव इसके कारण हैं। इससे दुनियाभर में उद्योग और पेशा नया आकार ले रहा है। अध्ययन में 1,000 से अधिक कंपनियों के आंकड़ों के आधार पर पाया गया कि कौशल अंतर आज भी व्यवसाय में बदलाव को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बाधा बनी हुई है।
नौकरी के लिए आवश्यक लगभग 40 प्रतिशत कौशल में बदलाव होना तय है। 63 प्रतिशत नियोक्ता पहले से ही इसे अपने सामने आने वाली प्रमुख बाधा के रूप में बता रहे हैं।