बीमा सखी योजना: महिलाओं को सशक्त बनाने की नई शुरुआत
बीमा सखी योजना के तहत महिलाएं बीमा एजेंट बनकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जानें योजना की खासियतें, लाभ, और इसे अपनाने का तरीका।
नई दिल्ली, 11 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत में एक नई पहल के तहत बीमा सखी योजना का शुभारंभ किया। यह योजना न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को और मजबूत करेगी। बीमा सखी योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का एक क्रांतिकारी कदम है।
बीमा सखी योजना क्या है?
बीमा सखी योजना के तहत महिलाओं को बीमा एजेंट के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे अपने समुदाय में बीमा सेवाओं का प्रसार कर सकें। एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) इस योजना का संचालन कर रहा है और इसके जरिए महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता प्रदान की जा रही है।
योजना की खासियतें
- महिला सशक्तिकरण:
इस योजना के तहत महिलाओं को न केवल बीमा पॉलिसी बेचने का मौका दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें डिजीटल उपकरणों और कौशल प्रशिक्षण से भी सशक्त किया जा रहा है। - आर्थिक लाभ:
बीमा सखियों को पॉलिसी पर मिलने वाले कमीशन के साथ-साथ तीन वर्षों तक मासिक स्टायपेंड भी प्रदान किया जाएगा। - व्यापक लक्ष्य:
एलआईसी ने अगले एक साल में देश की हर पंचायत में कम से कम एक बीमा सखी नियुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
योजना की प्रगति
बीमा सखी योजना को जनता से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। लॉन्च के मात्र एक महीने के भीतर:
कुल पंजीकरण | नियुक्त बीमा सखियां | पॉलिसी विक्रय शुरू करने वाली बीमा सखियां |
---|---|---|
52,511 | 27,695 | 14,583 |
यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि योजना महिलाओं के बीच कितनी लोकप्रिय हो रही है।
प्रशिक्षण और सुविधाएं
बीमा सखियों को एलआईसी द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें शामिल हैं:
- बीमा पॉलिसियों की जानकारी
- डिजीटल उपकरणों का उपयोग
- ग्राहकों से संवाद करने के कौशल
इसके अलावा, उन्हें स्मार्टफोन और अन्य आवश्यक उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं ताकि वे आसानी से अपने कार्य को अंजाम दे सकें।
बीमा सखी योजना के फायदे
- महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने का मौका।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी।
- परिवारों को बीमा के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
एलआईसी का लक्ष्य
एलआईसी के सीईओ और एमडी, सिद्धार्थ महान्ति ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हर पंचायत में कम से कम एक बीमा सखी हो। इससे न केवल महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा की पहुंच भी सुनिश्चित होगी।”
बीमा सखी कैसे बनें?
अगर आप भी इस योजना का हिस्सा बनना चाहती हैं, तो इसके लिए आप एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कर सकती हैं। पंजीकरण प्रक्रिया सरल है और इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता होती है।
एलआईसी बीमा सखी योजना की अधिक जानकारी के लिए एलआईसी की वेबसाइट पर जाएं।
निष्कर्ष
बीमा सखी योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को भी और मजबूत करेगी। इस योजना से जुड़कर महिलाएं अपने जीवन को बेहतर बना सकती हैं और देश के विकास में योगदान दे सकती हैं।