Mahakumbh 2025: आज से हुआ प्रारंभ, मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान
महाकुंभ 2025 का पहला प्रमुख स्नान पौष पूर्णिमा पर हुआ। जानें अमृत स्नान की तिथियां, मकर संक्रांति पर पुण्यकाल और पुष्पवर्षा की तैयारी।
Mahakumbh 2025: आज से हुआ प्रारंभ, मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान
Mahakumbh 2025
Prayagraj, India – 13 January 2025: महाकुंभ 2025 का पहला प्रमुख स्नान सोमवार को पौष पूर्णिमा पर हुआ। इस बार महाकुंभ में पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति का स्नान लगातार हो रहा है। सोमवार को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ मेला क्षेत्र में कल्पवास शुरू हो गया। वहीं मकर संक्रांति के अवसर पर पहला अमृत स्नान होगा।
प्रमुख स्नान और शाही स्नान
महाकुंभ के दौरान कुल छह प्रमुख स्नान होंगे, जिनमें से तीन अमृत (शाही) स्नान होंगे। अखाड़े अमृत स्नान करते हैं। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर 14 जनवरी, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी और तीसरा वसंत पंचमी पर 3 फरवरी को होगा।
स्नान की तिथि | स्नान का प्रकार |
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13 जनवरी 2025 | पौष पूर्णिमा स्नान |
14 जनवरी 2025 | मकर संक्रांति (पहला अमृत स्नान) |
29 जनवरी 2025 | मौनी अमावस्या (दूसरा अमृत स्नान) |
3 फरवरी 2025 | वसंत पंचमी (तीसरा अमृत स्नान) |
मकर संक्रांति पर पुण्यकाल
मंगलवार, 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। संक्रांति पर सुबह 9:03 से 10:50 बजे तक (1 घंटा 47 मिनट) का पुण्यकाल रहेगा। इस पर्व में कोई भद्रा नहीं है, इसलिए सुबह से शाम तक स्नान शुभ रहेगा।
पुष्पवर्षा की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार पुष्पवर्षा का ऐलान किया है। पहले दोनों प्रमुख स्नान पर्वों पर पुष्पवर्षा की तैयारी पूरी कर ली गई है, जिससे श्रद्धालुओं को एक अनोखा अनुभव मिलेगा।
कुंभ मेला का महत्व
कुंभ मेला हर 12 साल में चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। एक कथा के अनुसार, इंद्र पुत्र जयंत को अमृत कलश लेकर स्वर्ग पहुंचने में 12 दिन लगे थे। देवताओं का एक दिन सांसारिक एक साल के बराबर माना जाता है, इसलिए कुंभ मेला भी 12वें साल होता है।