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धान की फसल में ‘पाटा तकनीक’ का उपयोग; सस्ती और प्रभावी विधि से बढ़ेगी कल्ले

Paddy cultivation : भारत के किसान खरीफ की फसल धान की रोपाई कर चुके हैं। अच्छी उपज पाने के लिए किसान कई रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक पुरानी, सस्ती और प्रभावी तकनीक से धान की फसल में कल्ले बढ़ाए जा सकते हैं? इस तकनीक का नाम है ‘पाटा तकनीक’।

पाटा तकनीक क्या है?

पाटा तकनीक धान के पौधों में कल्ले बढ़ाने के लिए एक पुरानी लेकिन प्रभावी विधि है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनसी त्रिपाठी ने Local18 को बताया कि किसान धान की फसल में कल्ले बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों और पोषक तत्वों का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी लागत बढ़ जाती है। इसके बजाय, पाटा तकनीक का उपयोग करने से बिना किसी अतिरिक्त लागत के अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

पाटा तकनीक का उपयोग कैसे करें?

डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, जब धान की फसल 15 से 20 दिनों की हो जाती है, तो किसान खेत में 3 से 4 इंच पानी भरकर पाटा चला सकते हैं। इससे धान के पौधों में पत्तियों से रस चूसने वाले कीट मर जाते हैं और कल्लों की संख्या में भी तेजी से इजाफा होता है। पाटा चलाने के लिए 15 से 18 किलो वजन की पाटानुमा लकड़ी का उपयोग करें, जिसकी लंबाई 10 से 12 फीट होनी चाहिए। पाटा चलाते समय ध्यान रखें कि खेत में पानी अवश्य हो, पानी न होने की स्थिति में पाटा न चलाएं।

पाटा तकनीक के लाभ

पाटा तकनीक के उपयोग से कई फायदे हैं:

  1. मिट्टी की ऊपरी सतह का अस्त-व्यस्त होना: इससे वायु संचार बेहतर होता है और धान की जड़ों का विकास होता है।
  2. कीट नियंत्रण: पत्तियों से रस चूसने वाले कीट नष्ट हो जाते हैं।
  3. कल्लों की वृद्धि: पौधों में कल्ले बढ़ते हैं, जिससे फसल की उपज बढ़ती है।
  4. पानी का संचय: पानी अधिक समय तक रुकता है, जिससे खेत में दरारें नहीं पड़ती।
  5. जड़ों का विकास: जड़ें गहराई तक जाती हैं, जिससे पौधे स्वस्थ होते हैं।

विशेषज्ञों की सलाह

कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनसी त्रिपाठी का मानना है कि पाटा तकनीक का उपयोग किसानों के लिए लाभकारी हो सकता है। यह विधि न केवल सस्ती है, बल्कि प्रभावी भी है। इससे किसान बिना अतिरिक्त लागत के अपनी उपज बढ़ा सकते हैं और अपने मुनाफे को बढ़ा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

पाटा तकनीक का ऐतिहासिक महत्व

यह तकनीक लगभग 50 साल पहले किसानों द्वारा उपयोग की जाती थी। समय के साथ, रासायनिक उर्वरकों और नई तकनीकों के आने से इसे छोड़ दिया गया। लेकिन अब, इसकी उपयोगिता को पुनः पहचानने का समय है। धान की खेती के बारे में अधिक जानें

कृषि विशेषज्ञों की सिफारिशें: धान की फसल में पाटा तकनीक अपनाएं और अपनी लागत को घटाएं। कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाएं और ताजा अपडेट्स प्राप्त करें।

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