जयपुर डिस्कॉम ने लिया बड़ा फैसला, निर्माणाधीन भवनों को मिलेगा स्थायी बिजली कनेक्शन
पहले, उपभोक्ताओं को अस्थायी कनेक्शन लेने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, जिसमें उन्हें सामान्य दर से 1.5 गुना अधिक शुल्क चुकाना होता था।
जयपुर विद्युत वितरण निगम (जयपुर डिस्कॉम) ने 8 जनवरी 2025 को आयोजित 90वीं डीसीएफ बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब, स्वयं के आवासीय उपयोग के लिए भवन निर्माण करने वाले उपभोक्ताओं को अस्थायी कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, वे सीधे स्थायी घरेलू बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकेंगे। यह आदेश 10 जनवरी 2025 को जारी किया गया है।
पुरानी व्यवस्था की समस्याएं
पहले, उपभोक्ताओं को अस्थायी कनेक्शन लेने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, जिसमें उन्हें सामान्य दर से 1.5 गुना अधिक शुल्क चुकाना होता था। निर्माण पूरा होने के बाद स्थायी कनेक्शन के लिए फिर से आवेदन करना पड़ता था, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती थी।
नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को राहत
नई व्यवस्था के तहत, उपभोक्ताओं को अस्थायी कनेक्शन की प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा। वे सीधे स्थायी कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिससे समय और धन की बचत होगी। निर्माण पूरा होने के बाद, मीटर को उपयुक्त स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा, जिससे बिजली की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहेगी।
आवेदन प्रक्रिया
स्थायी कनेक्शन प्राप्त करने के लिए, उपभोक्ताओं को आवश्यक दस्तावेजों के साथ एक स्व-प्रमाणित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह घोषित किया जाएगा कि विद्युत का उपयोग केवल घरेलू प्रयोजन के लिए किया जाएगा। निर्माण पूरा होने पर, मीटर को उपयुक्त स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा।
निर्णय का महत्व
यह निर्णय न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत है, बल्कि बिजली वितरण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगा। इससे उपभोक्ताओं का समय, श्रम और धन बचेगा, और डिस्कॉम की सेवाओं में सुधार होगा, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास और संतोष बढ़ेगा।
जयपुर डिस्कॉम की अन्य पहलें
जयपुर डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए व्हाट्सएप नंबर 9414037085 जारी किया है। इसके माध्यम से उपभोक्ता बिजली संबंधी समस्याओं की शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिससे समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जा सके।
जयपुर डिस्कॉम का यह निर्णय निर्माणाधीन भवनों के लिए स्थायी घरेलू बिजली कनेक्शन प्रदान करके उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देगा। यह कदम बिजली वितरण की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।