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Ujjwala Yojana उत्तर प्रदेश में उज्ज्वला योजना के आधे लाभार्थी क्यों नहीं ले पाए मुफ्त गैस सिलेंडर?

Ujjwala Yojana प्रदेश में उज्ज्वला योजना का उद्देश्य महिलाओं को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर प्रदान करना है, ताकि वे लकड़ी और अन्य पारंपरिक ईंधनों के उपयोग से मुक्त हो सकें।

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना Ujjwala Yojana के तहत 1.85 करोड़ लाभार्थी पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से केवल 89 लाख महिलाएं ही इस योजना का लाभ उठा सकी हैं। 97 लाख से अधिक महिलाएं अब भी इस सुविधा से वंचित हैं। मुख्य कारण यह है कि लाभार्थियों के आधार कार्ड उनके बैंक खातों से लिंक नहीं हैं।

राज्य सरकार ने दिसंबर तक दो मुफ्त सिलेंडर देने की घोषणा की है और आधार प्रमाणन प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में महिलाएं अभी तक इस योजना से वंचित हैं।

उज्ज्वला योजना Ujjwala Yojana का मौजूदा हाल

प्रदेश में उज्ज्वला योजना का उद्देश्य महिलाओं को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर प्रदान करना है, ताकि वे लकड़ी और अन्य पारंपरिक ईंधनों के उपयोग से मुक्त हो सकें। हालांकि, आधार और बैंक खातों की अनिवार्यता ने बड़ी संख्या में लाभार्थियों को योजना का लाभ लेने से रोक दिया है।

क्या कह रहे हैं आंकड़े?

राज्य में कुल 1,85,95,736 लाभार्थी पंजीकृत हैं। इनमें से केवल 1,08,29,669 लाभार्थियों के आधार उनके बैंक खातों से जुड़े हैं। अब तक सिर्फ 89 लाख लाभार्थियों ने मुफ्त गैस सिलेंडर का लाभ उठाया है।

योजना में देरी का कारण

लाभार्थियों का आधार प्रमाणीकरण न होना इस समस्या की जड़ है। आधार कार्ड और बैंक खाते को लिंक करना एक लंबी प्रक्रिया है, जिससे लाखों महिलाएं योजना का लाभ लेने में असमर्थ हैं।

राज्य सरकार की नई पहल

राज्य सरकार ने अक्टूबर से दिसंबर और जनवरी से मार्च के बीच दो मुफ्त सिलेंडर देने का वादा किया है। खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने विभागीय समीक्षा बैठक में आधार प्रमाणन प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

तेल कंपनियों को क्या निर्देश दिए गए हैं?

विभाग के अपर आयुक्त सत्यदेव यादव के अनुसार, सभी तेल कंपनियों को लाभार्थियों के आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। जैसे-जैसे आधार प्रमाणीकरण पूरा होगा, लाभार्थियों को मुफ्त सिलेंडर मिलना शुरू हो जाएगा।

उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी

योजना के तहत प्रत्येक सिलेंडर पर केंद्र सरकार की ओर से 334.78 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। बाकी की राशि, 508.14 रुपये, राज्य सरकार वहन करती है। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाती है।

ग्रामीण पर्यटन में होम स्टे योजना की भूमिका

उज्ज्वला योजना के साथ-साथ राज्य सरकार ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है। इसके तहत होम स्टे योजना को पुनर्जीवित किया जा रहा है।

होम स्टे योजना का विस्तार

प्रदेश में 229 गांव होम स्टे के लिए चिह्नित किए गए हैं। हर गांव में कम से कम पांच होम स्टे विकसित करने की योजना है। वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ, देवीपाटन और चित्रकूट जैसे पर्यटन स्थलों पर इस योजना को तेजी से लागू किया जा रहा है।

पर्यटकों की बढ़ती संख्या

पिछले वर्ष 48 करोड़ पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया। इस साल श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।

उज्ज्वला योजना और होम स्टे का संयुक्त प्रभाव

सरकार की यह कोशिश है कि उज्ज्वला योजना से जहां महिलाओं को राहत मिले, वहीं होम स्टे योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ें।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना एक प्रभावशाली पहल है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कई चुनौतियां हैं। आधार और बैंक खाते को जोड़ने की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाकर इस योजना का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचाया जा सकता है।

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