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Yogi Adityanath उत्तर प्रदेश में ‘मां की रसोई’ से होगा गरीबों का पेट भर, केवल 9 रुपये में मिलेगा खाना!

‘मां की रसोई’ की पहल का मुख्य उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है, जो अपने परिजनों के इलाज के लिए अस्पताल आते हैं और उन्हें भोजन के लिए चिंता होती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Yogi Adityanath ने शुक्रवार को ‘मां की रसोई’ Maa Ki Rasoi नामक सामुदायिक रसोई का उद्घाटन किया, जो अब राज्य के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए 9 रुपये में भोजन उपलब्ध कराएगी। यह पहल नंदी सेवा संस्थान द्वारा शुरू की गई है और इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को भोजन की समस्या से राहत देना है। इस योजना के तहत, दाल, चावल, रोटियां, सब्जियां, सलाद, और मिठाई जैसी पौष्टिक सामग्री मात्र 9 रुपये में दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस पहल की शुरुआत के बाद अस्पताल में भोजन की गुणवत्ता और व्यवस्था का जायजा लिया और लोगों को भोजन परोसा।

‘मां की रसोई’ का उद्देश्य और महत्व

‘मां की रसोई’ की पहल का मुख्य उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है, जो अपने परिजनों के इलाज के लिए अस्पताल आते हैं और उन्हें भोजन के लिए चिंता होती है। खासकर उन लोगों के लिए, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रसोई का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह कदम राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का हिस्सा है। इसके तहत अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिवारजनों को सस्ते और अच्छे भोजन की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें अतिरिक्त चिंता और खर्च से राहत मिलेगी।

आधिकारिक उद्घाटन और मुख्यमंत्री की समीक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल में ‘मां की रसोई’ का उद्घाटन करते हुए व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अस्पताल में मौजूद अधिकारियों से रसोई की स्वच्छता मानकों और खाने की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली। नंदी सेवा संस्थान ने इस पहल को शुरू करने के पीछे का उद्देश्य यह बताया कि यह रसोई विशेष रूप से उन परिवारों के लिए है, जो अस्पताल में अपने मरीजों का इलाज करवा रहे हैं, और उन्हें खाने के लिए चिंतित होना नहीं पड़ेगा।

रसोई में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता

‘मां की रसोई’ में मिलने वाला भोजन न केवल सस्ता है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहतरीन है। दाल, चावल, रोटियां, सब्जियां, सलाद, और मिठाई के अलावा इस भोजन में पर्याप्त पोषण तत्व होंगे, जो किसी भी व्यक्ति की स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होंगे। यह पहल खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और जो संतुलित भोजन नहीं ले पाते हैं।

राज्य सरकार की इस पहल पर प्रतिक्रिया

इस पहल को लेकर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने राज्य सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य सरकार की जन कल्याण योजनाओं के तहत गरीबों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। सभी ने इस पहल को समाज के लिए लाभकारी बताया और कहा कि इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को बहुत मदद मिलेगी।

सामुदायिक रसोई का संचालन और भविष्य

‘मां की रसोई’ का संचालन नंदी सेवा संस्थान द्वारा किया जा रहा है, जो स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में यह रसोई चला रहा है। यह रसोई सिर्फ 9 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराएगी, जो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी। भविष्य में, अगर यह पहल सफल होती है, तो इसे राज्य के अन्य अस्पतालों और क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है। इस रसोई के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि गरीब और जरूरतमंद लोग अपनी जीवन-यापन की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकें।

क्या हैं इस पहल के लाभ?

इस पहल से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। विशेषकर उन परिवारों को जो अस्पताल में अपने प्रियजनों का इलाज कराने आते हैं और भोजन की समस्या से जूझ रहे होते हैं। अब उन्हें केवल 9 रुपये में भोजन मिलेगा, जिससे उनके दैनिक खर्चों में कमी आएगी और वे मानसिक शांति से इलाज पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। यह पहल सामाजिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रही है।

राज्य सरकार की योजना के प्रभाव

उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल समाज में समानता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देती है। इस तरह की योजनाएं न केवल गरीबों के लिए सहायक होती हैं, बल्कि समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का कार्य भी करती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को अपने सामाजिक सुधार के एजेंडे का हिस्सा बताया और कहा कि यह पहल जनता की भलाई के लिए शुरू की गई है।

सीएम योगी Yogi Adityanath का अस्पताल दौरा और योजनाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने इस उद्घाटन के दौरान अस्पताल का दौरा भी किया और रसोई में भोजन तैयार करने की प्रक्रिया की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से यह भी पूछा कि भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता मानकों का पालन कैसे किया जा रहा है। यह मुख्यमंत्री की इस पहल के प्रति गंभीरता को दर्शाता है, जो सामाजिक जिम्मेदारी के तहत गरीबों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का हिस्सा है।

‘मां की रसोई’ Maa Ki Rasoi का भविष्य और उम्मीदें

इस पहल का भविष्य उज्जवल प्रतीत होता है, क्योंकि यह गरीबों के लिए बहुत ही सहायक साबित हो सकती है। भविष्य में, सामुदायिक रसोई के इस मॉडल को राज्य के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है। अगर यह योजना सफल होती है, तो देशभर में ऐसी कई रसोई खोली जा सकती हैं, जो गरीबों और जरूरतमंदों को मदद दे सकें।

उत्तर प्रदेश की ‘मां की रसोई’ Maa Ki Rasoi पहल न केवल गरीबों के लिए राहत का कारण बनेगी, बल्कि यह राज्य सरकार की सामाजिक योजनाओं के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। इस पहल से न केवल अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिवारजनों को सस्ता भोजन मिलेगा, बल्कि यह समाज में समानता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देगा। यह पहल भविष्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए एक बड़ी मदद साबित हो सकती है।

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