कृषि समाचार

Organic Farming सोशल मीडिया से सीखी केंचुआ खाद की विधि, फिर 1 एकड़ में शुरू किया धंधा, हर माह 20 हजार कमाई

Organic Farming "हरपाल सिंह, एक छोटे किसान, ने सोशल मीडिया से सीखी केंचुआ खाद बनाने की विधि से जैविक खेती में बड़ा मुनाफा कमाया। जानिए कैसे उन्होंने हर महीने 20 हजार रुपए की कमाई का रास्ता बनाया।"

पटियाला : पातड़ां से 6 किमी. दूर सेलवाल गांव के किसान हरपाल सिंह इन दिनों केंचुआ (गंडोया) खाद के लिए पटियाला समेत आसपास के जिलों में भी चर्चित हैं। इस कारोबार को खड़ा करने के पीछे उनकी कहानी बड़ी दिलचस्प है। वह बताते हैं कि वह कई साल से 10 एकड़ खेती में करते आ रहे हैं। एक दिन मोबाइल इंटरनेट पर जैविक खेती के बारे में देखा और इसके फायदे सुनकर अपने परिवार के लिए 10 में से 1 एकड़ में जैविक खेती शुरू कर दी। फिर इंटरनेट के जरिये केंचुए की खाद के बारे में जाना। सोचा कि अपने ही खेतों में इसके लिए 1 एकड़ जमीन में यह खाद तैयार करेंगे।

केंचुआ खाद की तैयारी: निवेश और प्रक्रिया

हरपाल सिंह ने शुरुआत में 5 किलो केंचुए खरीदकर खाद तैयार की, जिसका परिणाम बहुत ही संतोषजनक रहा। इससे प्रेरित होकर उन्होंने इस व्यवसाय को विस्तार देने का फैसला किया। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने केंचुआ खाद बनाने की बारीकियां सीखी और 20 बेड केंचुआ खरीदकर लाए, जिनमें से हर एक बेड में करीब 30 किलो केंचुआ होता है।

खाद तैयार करने की प्रक्रिया में लगभग 90 दिन लगते हैं। इस दौरान हरपाल गोशाला से गोबर खरीदकर लाते हैं, जिससे 1 क्विंटल गोबर से लगभग 60 किलो खाद तैयार हो जाती है। तैयार खाद को वे 10 रुपए प्रति किलो की दर से बेचते हैं।

उपयोग की गई सामग्रीमात्राखर्चा (रुपए में)
केंचुआ (प्रति बेड)30 किलोलागत अनुसार
गोबर1 क्विंटल600-800
तैयार खाद60 किलो10 रुपए प्रति किलो

सोशल मीडिया से मार्केटिंग और बिक्री

हरपाल सिंह ने अपने तैयार उत्पाद को बेचने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर उपयोग किया। उन्होंने “नारंग ऑर्गेनिक फॉर्म” के नाम से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेज बनाए। इन पेजों के जरिए वे अपनी खाद की मार्केटिंग करते हैं, जिससे नर्सरी चलाने वाले और आम लोग किचन गार्डन के लिए सीधे उनके पास आकर खाद खरीदते

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