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Rajasthan school holidays शीतलहर ने बढ़ाई स्कूलों की छुट्टी, राजस्थान के 25 जिलों में छुट्टियां घोषित, देखें पूरी लिस्ट

Rajasthan school holidays राजस्थान सरकार ने 13 जनवरी तक छुट्टियों का एलान किया है। इसके बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर सभी स्कूल बंद रहेंगे।

Rajasthan school holidays राजस्थान में शीतलहर का प्रकोप बढ़ा, 25 जिलों में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाई गईं

राजस्थान में शीतलहर और कड़ाके की ठंड का असर गहरा हो गया है। इस कड़ी ठंड के कारण राज्य सरकार ने 25 जिलों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी हैं। जयपुर, सीकर, कोटा, टोंक, दौसा, बाड़मेर, झुंझुनू, और जैसलमेर जैसे प्रमुख जिलों में यह आदेश लागू किया गया है। यह फैसला सरकार ने बच्चों की सुरक्षा और उनकी सेहत को ध्यान में रखते हुए लिया है।

कब तक बढ़ी छुट्टियां?

राजस्थान सरकार ने 13 जनवरी तक छुट्टियों का एलान किया है। इसके बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर सभी स्कूल बंद रहेंगे। इसके अलावा, 15 जनवरी को बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके चलते छुट्टियों की अवधि और बढ़ सकती है।

बीकानेर और जोधपुर में स्कूलों के समय में बदलाव

बीकानेर और जोधपुर में स्कूलों के समय में भी बदलाव किया गया है। बीकानेर में कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने सरकारी और निजी स्कूलों के संचालन समय को बदलकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक कर दिया है। हालांकि, बीकानेर में कोई छुट्टी घोषित नहीं की गई है। वहीँ, जोधपुर में 13 और 14 जनवरी को स्कूलों के समय में संशोधन किया गया है।

किस-किस जिले में बढ़ी छुट्टियां?

राजस्थान के 25 जिलों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। जिन जिलों में छुट्टियां बढ़ाई गई हैं, उनमें जयपुर, नागौर, राजसमंद, भीलवाड़ा, भरतपुर, कोटा, झुंझुनू, दौसा, सवाई माधोपुर, पाली, सीकर, बाड़मेर, बालोतरा, और जालौर प्रमुख हैं। इन जिलों में छात्रों को कक्षा की छुट्टियां दी गई हैं और कुछ जिलों में छुट्टियों का समय 13 से 16 जनवरी तक बढ़ाया गया है।

कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए सरकारी कदम

सरकार ने यह फैसला कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के चलते लिया है, जिससे बच्चों की सेहत पर असर पड़ सकता था। राजस्थान में 15 जनवरी को बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। इसके अलावा, 15 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। यह कदम छात्रों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी था।

सर्दी से निपटने के लिए क्या उपाय किए गए?

राज्य सरकार ने सर्दी से निपटने के लिए स्कूलों का समय भी बदल दिया है। छात्रों को अब सुबह 8 बजे के बजाय सुबह 10 बजे स्कूल पहुंचने के लिए कहा गया है। साथ ही, स्टॉफ का समय भी सुबह 7:30 बजे से बढ़ाकर 10 बजे कर दिया गया है। इस बदलाव से बच्चों को कड़ी ठंड से राहत मिल सकेगी।

राजस्थान में शीतलहर के चलते बढ़ा मौसम का प्रभाव

राजस्थान में शीतलहर के कारण पूरे राज्य में मौसम का असर देखने को मिल रहा है। खासकर बीकानेर, जयपुर, अजमेर, भरतपुर, और कोटा संभाग में यह प्रभाव ज्यादा महसूस किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें बारिश, ओलावृष्टि और ठंडी हवाओं के कारण मौसम और ठंड बढ़ने का अनुमान है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार, 15 जनवरी को राजस्थान में बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। इसके साथ ही, 15 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट भी जारी किया गया है। यह सभी घटनाएं राज्य में सर्दी को और बढ़ा सकती हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए छुट्टियों का यह फैसला लिया गया है।

क्या होगा अगला कदम?

राजस्थान सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि अगर ठंड का प्रभाव और बढ़ता है, तो छुट्टियों की अवधि को और बढ़ाया जा सकता है। शीतलहर और घने कोहरे के कारण कई जिलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार सजग है और यह फैसला छात्रों की सेहत को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है।

राजस्थान में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ने से छात्रों को राहत

ठंड के चलते छात्रों को अब आराम मिलेगा। इस छुट्टी का फायदा छात्र अपने अध्ययन में भी ले सकते हैं। हालांकि, छुट्टियों के दौरान बच्चों को घर पर सुरक्षित रहने और ठंड से बचाव के उपायों को अपनाने के लिए भी सरकार ने निर्देश जारी किए हैं।

क्या करें छात्र और अभिभावक?

अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए गर्म कपड़े और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को घर के अंदर ही ठंड से बचाव के उपाय करने चाहिए, ताकि वे स्वस्थ और सुरक्षित रहें।

राजस्थान में शीतलहर और घने कोहरे के चलते 25 जिलों में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और उन्हें ठंड से बचाने के लिए यह कदम उठाया है। 15 जनवरी को होने वाली बारिश और ओलावृष्टि के चलते यह निर्णय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

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