गेहूं बिजाई लेट हो रही है तो किसान ना हो परेशान, ये 2 पछेती किस्मे सिर्फ 110 दिन मे पैक कर होगी तैयार, नहीं पड़ेगा उत्पादन पर असर
इस किस्म Wheat variety का बम्पर उत्पादन किसानों द्वारा 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से भी अधिक लिया गया है। इस किस्म की अवधि लगभग 122 दिवस है

गेहूं बिजाई लेट हो रही है तो किसान ना हो परेशान, ये 2 पछेती किस्मे सिर्फ 110 दिन मे पैक कर होगी तैयार, नहीं पड़ेगा उत्पादन पर असर
प्रदेश में रवि फसलों की बिजाई जोरों पर है किसान सरसों के साथ-साथ गेहूं की भी बजाई कर रहे हैं, लेकिन अगर किसी कारणवश किसानो की गेहूं की बिजाई लेट हो रही है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है गेहूं की बोआई में कमी के बावजूद, इंडियन अग्रिकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI) ने दो नई वैरायटी गेहूं पेश की हैं जो 110 दिनों में पूरी तरह पक जाएंगी और तापमान का भी असर नहीं पड़ेगा। इस लेख में, हम इन दोनों टॉप गेहूं वैरायटीज के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
गेहूँ- एच.आई. 1634 (पूसा अहिल्या)
यह वैरायटी खासकर उन क्षेत्रों के लिए सबसे अधिक लाभदायक है जहां जनवरी और फरवरी माह में गर्मी अधिक पड़ती है, पूसा अहिल्या एक अर्ली किस्म अवधि 105 से 110 दिवस होने से इस किस्म को देरी बोनी हेतु दिसम्बर के अंत तक बोने के लिये भी एक सर्वश्रेष्ठ किस्म Wheat variety के रूप में अनुशंसित किया गया है।
यह गेहूं अधिक तापमान में भी जल्दी नहीं पकता, जिससे उत्पादन में कमी नहीं होती है।
अधिकतम तापमानों में भी यह वैरायटी उच्च उत्पादन देने के लिए जानी जाती है।
इसका खास गुण है कि इसमें कीटाणुप्रतिरोधक गुण होते हैं, जो किसानों को सुरक्षित उत्पादन देता है।
अगर उत्पादन की बात करें तो किसानों को इस वैरायटी से प्रति हेक्टेयर लगभग 30 क्विंटल एकड़ या 70.60 क्विंटल का उत्पादन हो सकता है
गेहूँ- एच.आई. 1636 (पूसा बकुला)
यह वैरायटी मोटे और बोल्ड दानों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और इसे बुंदे में बोने जाने के लिए अनुशंसित किया गया है।
इसकी खास बात यह है कि यह किस्म कीटों के प्रति लड़ने में कहीं अधिक कारगर है जिसके कारण इसमें कम लागत से ही अधिक उत्पादन होने की संभावना रहती है
इसकी बीज दर कम होने के बावजूद, इसे आदर्श परिणाम के साथ बोने जाने के लिए अनुशंसित किया गया है।
इस किस्म Wheat variety का बम्पर उत्पादन किसानों द्वारा 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से भी अधिक लिया गया है। इस किस्म की अवधि लगभग 122 दिवस है
इन दोनों गेहूं वैरायटीज ने बोने में कमी के बावजूद उच्च उत्पादन क्षमता और कीट प्रतिरोधकता के गुणों के साथ किसानों को नए आय का स्रोत प्रदान किया है। इन्हें आप अपनी बुआई की रणनीति में शामिल करके अपने फसल को मजबूत बना सकते हैं।
ध्यान दें: इन वैरायटीज को बोने जाने से पहले स्थानीय कृषि अधिकारी से सलाह जरूर लें और सही तरीके से उपयोग करें।
किसानों के लिए उपयुक्त बोने जाने वाले गेहूं वैरायटीज का चयन करें और अपनी फसल को मजबूत बनाएं!