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गालवास्प कीट का ग्वार की फलियों पर आक्रमण शुरू

इस कीड़ें के बचाव के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ गालवास्प कीट के प्रकोप से फसल पर फलियां बनने की बजाय बने मणिएं का दृश्य।

भिवानी, : नकदी फसल मानी जाने वाली ग्वार फसल पर गालवास्प नामक कीड़े के आक्रमण के प्रति किसानों को सतर्क करने के उद्देश्य से गांव पातवान में ग्वार फसल पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
आयोजन खंड बहल के एटीएम डा. मदन सिंह के तत्वावधान में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त ग्वार विशेषज्ञ डा. बीडी यादव के सहयोग से किया गया।

शिविर में किसानों को सम्बोधित करते हुए डॉ. बीडी यादव ने कहा कि जिला के खंड सिवानी, बहल, झुंपा तथा दादरी जिला के खंड बाढड़ा व दादरी- ।। में गालवास्प कीट की समस्या कई साल से बनी हुई है, जो धीरे-धीरे साथ लगकर अन्य क्षेत्र में फैल रही है।

इस कीड़ें के बचाव के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ गालवास्प कीट के प्रकोप से फसल पर फलियां बनने की बजाय बने मणिएं का दृश्य।
ट्रेनिंग का आयोजन करके किसानों को जागरूक किया जा रहा है। परंतु किसान इस कीड़ें के आक्रमण के प्रति कम गौर करके स्प्रे भी नहीं कर पा रहे है, जिससे किसानों की पैदावार में कमी आती जा रही है।

ग्वार विशेषज्ञ डा. बीडी यादव ने गोष्ठी के दौरान कहा कि इस कीड़ें का प्रकोप आमतौर पर हर साल 15 अगस्त के आसपास शुरू हो जाता है और फलियां बनते तक रहती है, परन्तु इस साल इस कीट के आक्रमण के लक्षण अगस्त के आखिर में दिखाई देने लगे और धीरे- धीरे करके इसका नुकसान फलियां बनने की बजाय मणियें में तबदील हो रहे हैं।

डॉ. यादव ने कहा कि बहल खंड के गांव सुरपुरा कलां, लडावास, बैरान, पातवान, गोकलपुरा, गोपालवास, सिधनवा आदि गांवों का सर्वे करने पर पता लगा इस कीट का प्रकोप धीरे-धीरे करके काफी बढ़ता जा रहा है, जोकि ग्वार की फलियां बनने के बजाय उसे मणियें में तबदील कर देता है।

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