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 NCR में बुलडोजर ऐक्शन: 1.20 लाख वर्ग मीटर जमीन खाली, नोएडा से गाजियाबाद तक अवैध कॉलोनियों पर कड़ी कार्रवाई

Bulldozer action in NCR: 1.20 lakh square meter land confiscated, strict action against illegal colonies from Noida to Ghaziabad

 NCR में बुलडोजर ऐक्शन: 1.20 लाख वर्ग मीटर जमीन खाली, नोएडा से गाजियाबाद तक अवैध कॉलोनियों पर कड़ी कार्रवाई

खेत खजाना : नई दिल्ली, एनसीआर के शहरों में अतिक्रमण और अवैध निर्माणों पर प्रशासन का बुलडोजर एक्शन तेजी से जारी है। शुक्रवार को गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई कर 1.20 लाख वर्ग मीटर जमीन खाली कारवाई गई । जबकि इन जमीनों की अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये की बताई जा रही है।

अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें की यह कार्रवाई प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनियों और निर्माणों को खत्म करने के लिए की जा रही है । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की टीमों ने विभिन्न क्षेत्रों में बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को हटाया है ।

गाजियाबाद में तीन कॉलोनियों पर चली कार्रवाई
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने शुक्रवार को मुरादनगर के नवीपुर बंबा और सुल्तानपुर रोड क्षेत्र में 70,000 वर्ग मीटर जमीन पर विकसित की जा रही तीन अवैध कॉलोनियों को खाली किया है । गाजियाबाद में शिवजीत, दयानंद, और विनोद जैसे कॉलोनाइजरों द्वारा विकसित किए जा रहे अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया गया।

ग्रेटर नोएडा में डूब क्षेत्र से हटाया अतिक्रमण
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख गांव के पास डूब क्षेत्र में 50,000 वर्ग मीटर जमीन को अवैध कॉलोनियों से मुक्त कराया गया। यह जमीन प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आती है, जहां अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई के निर्देश पहले से जारी हैं। डूब क्षेत्र में खसरा संख्या 322 से 333 तक की जमीन पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही थीं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बुलडोजर चलाकर खाली करवा दिया ।

प्राधिकरण के कड़े निर्देश
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ एनजी रवि कुमार ने अधिसूचित क्षेत्रों में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। टीमों को अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ जमीन पर कब्जे का रिकॉर्ड बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस बड़े स्तर की कार्रवाई से अवैध कॉलोनियों को काटने वाले कॉलोनाइजरों में भय और हड़कंप मचा हुआ है । प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि डूब क्षेत्र और अधिसूचित जमीन पर किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं है।

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