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Kisan Subsidy. फार्मर आईडी से जुड़ेगी कृषि सब्सिडी: नए साल में किसान पहचान पत्र अनिवार्य

जानिए कैसे कृषि सब्सिडी Kisan Subsidy.और अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर आईडी अनिवार्य होगा। डिजिटल कृषि मिशन के तहत सरकार ने 11 करोड़ किसानों के लिए यह पहचान पत्र बनाने का लक्ष्य रखा है।

3 वर्ष में 11 करोड़ किसानों के बनाए जाने हैं डिजिटल पहचान पत्र

• कृषि से संबंधित योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह आइडी जरूरी होगा

• एक बार बन जाने के बाद नहीं पड़ेगी बार-बार केवाईसी की जरूरत

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने किसानों के लिए योजनाओं का लाभ और अधिक सुगम बनाने के उद्देश्य से “फार्मर आईडी” को अनिवार्य करने का फैसला किया है। अब कृषि सब्सिडी समेत अन्य सभी कृषि योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को इस पहचान पत्र की आवश्यकता होगी। यह कदम डिजिटल कृषि मिशन के तहत उठाया गया है, जिससे कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

क्या है फार्मर आईडी?

फार्मर आईडी एक डिजिटल पहचान पत्र है, जो किसानों की भूमि, फसलों, पशुधन और अन्य कृषि से संबंधित जानकारी का संग्रह करेगा। यह पहचान पत्र आधार कार्ड की तरह काम करेगा, लेकिन इससे अलग होगा। इसे केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से तैयार किया जा रहा है।

फार्मर आईडी के लाभ

  • कृषि योजनाओं तक सीधा पहुंच: पीएम-किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना और अन्य कृषि योजनाओं का लाभ आसानी से मिलेगा।
  • बार-बार KYC की जरूरत खत्म: एक बार फार्मर आईडी बन जाने के बाद किसानों को बार-बार केवाईसी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
  • सभी जानकारी एक जगह: भूमि, फसलें, पशुधन, पारिवारिक विवरण और अन्य कृषि संबंधी आंकड़े एक ही जगह पर उपलब्ध होंगे।

कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव के लिए केंद्र सरकार ने ‘डिजिटल कृषि मिशन’ की शुरुआत की है। इस पर 2,817 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल ढांचा तैयार करने एवं योजनाओं का लाभ किसानों तक व्यवस्थित तरीके से पहुंचाने के लिए एग्री स्टैक योजना बनाई है। इसकी महत्वपूर्ण विशेषता आधार कार्ड की तरह किसान पहचान पत्र बनाना है। हालांकि, यह आधार से अलग होगा। डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआइ) के रूप में डिजाइन की गई इस योजना में तीन घटक शामिल किए गए हैं। किसानों का संपूर्ण प्रमाणित विवरण, जोत एवं बुआई की गई फसलों के साथ विभिन्न उपयोगी आंकड़ों का संग्रह किया जाना है। इसमें किसानों के साथ पशुधन, मछली पालन, मिट्टी स्वास्थ्य, अन्य कृषि कार्यों, पारिवारिक विवरण एवं लाभों का विवरण राज्यों एवं केंद्र सरकार के मंत्रालयों से भी साझा किया जाएगा।

फार्मर आईडी: प्रगति और लक्ष्य

अब तक 19 राज्यों ने कृषि मंत्रालय के साथ समझौता किया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत छह राज्यों के एक-एक जिले में इसका परीक्षण किया गया है।

वर्षलक्ष्य (किसान पहचान पत्र)
2024-256 करोड़
2025-263 करोड़
2026-272 करोड़

दिसंबर 2024 तक 30 लाख से अधिक फार्मर आईडी बनाए जा चुके हैं। बिहार के छह जिलों में इस योजना की शुरुआत हो चुकी है।

इस सिलसिले में अब तक 19 राज्यों ने कृषि मंत्रालय के साथ समझौता किया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं महाराष्ट्र समेत छह राज्यों के एक-एक जिले में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है। इसके बाद बिहार के छह जिलों में फार्मर आइडी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। केंद्र ने तीन वर्षों में 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान पत्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इनमें वर्ष 2024-25 में छह करोड़, 2025-26 में तीन करोड़ एवं 2026-27 में दो करोड़ पहचान पत्र बनाए जाएंगे। दिसंबर तक 30 लाख फार्मर आइडी बनाए जा चुके हैं। दो वर्ष के भीतर देशभर में डिजिटल फसल सर्वेक्षण प्रारंभ करना है।

 

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