Onion Farming :फरवरी में खाली खेत को बनाएं कमाई का जरिया: ग्रीष्मकालीन प्याज की खेती के आसान टिप्स
Make empty fields a source of income in February: Easy tips for summer onion cultivation

Onion Farming :फरवरी में खाली खेत को बनाएं कमाई का जरिया: ग्रीष्मकालीन प्याज की खेती के आसान टिप्स
फरवरी का महीना खत्म होने को है और देशभर में बहुत से किसानों के खेत रबी सीजन की फसलों की कटाई के बाद खाली पड़े हैं। ऐसे में अगर आपके पास गर्मियों में पानी की अच्छी व्यवस्था है तो ये आपके लिए सुनहरा मौका हो सकता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं ग्रीष्मकालीन प्याज की खेती की, जो न सिर्फ आसान है बल्कि अच्छी कमाई का जरिया भी बन सकती है। Onion Farming Tips की तलाश में अगर आप गूगल पर “summer onion cultivation” या “soil treatment for onion” सर्च कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। भारत सरकार के प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर सुनील कटियार ने सागर में किसानों को कुछ ऐसे टिप्स दिए हैं, जो प्याज की खेती को आसान और फायदेमंद बना सकते हैं।

सुनील कटियार का कहना है कि ग्रीष्मकालीन प्याज की खेती के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। अगर आपके पास पौध तैयार है तो खेत में रोपाई शुरू कर दें, और अगर नहीं है तो बीज से पौध तैयार करने का काम अभी शुरू करें। लेकिन उससे पहले एक बात का खास ध्यान रखें – मिट्टी का उपचार। बिना सही मिट्टी के प्याज की फसल न तो अच्छी होगी और न ही उसका कंद बड़ा होगा। तो चलिए, जानते हैं कि Onion Farming Tips के तहत मिट्टी को कैसे तैयार करें, खाद कैसे डालें और इस खेती को सफल कैसे बनाएं।
सबसे पहले बात करते हैं खेत की तैयारी की। सुनील कटियार बताते हैं कि जैसे ही आपका खेत खाली हो, उसे तुरंत जोत दें। जुताई से खेत में छिपे कीटों के अंडे, लार्वा या बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जो प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्याज को हमेशा भुरभुरी मिट्टी में लगाना चाहिए, क्योंकि इससे कंद का विकास अच्छा होता है। भुरभुरी मिट्टी बनाने के लिए गोबर की सड़ी हुई खाद बेस्ट है। खेत में गोबर की खाद डालें, फिर जुताई करें और 10 दिन के लिए छोड़ दें। ऐसा करने से मिट्टी में ऑर्गेनिक पोषण बढ़ेगा और वो प्याज की रोपाई के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद पौधों का उपचार करें। जब पौधों को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करते हैं, तो ट्राइकोडर्मा से उनका ट्रीटमेंट जरूर करें। ये फंगस और बीमारियों से पौधों को बचाता है।

अब बारी आती है खाद डालने की। प्याज एक कंद वाली फसल है, और इसके लिए पोटाश और फास्फोरस बहुत जरूरी हैं। सुनील कटियार सलाह देते हैं कि किसानों को मिट्टी की जांच करवानी चाहिए। ज्यादातर किसान सिर्फ नाइट्रोजन पर ध्यान देते हैं, लेकिन प्याज की खेती में फास्फोरस और पोटाश की बराबर जरूरत होती है। एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश) को सही अनुपात में डालना चाहिए। प्रति एकड़ 120 किलोग्राम एनपीके डालें, जिसमें 60 किलो पूरा पोटाश हो। नीचे दी गई टेबल से इसे समझना आसान हो जाएगा:
पोषक तत्व | मात्रा (किलो प्रति एकड़) | क्यों जरूरी? |
---|---|---|
नाइट्रोजन (N) | 60 | पौधों की बढ़ोतरी के लिए |
फास्फोरस (P) | 60 | कंद के विकास के लिए |
पोटाश (K) | 60 | फसल की गुणवत्ता और मजबूती के लिए |
खाद डालते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि पूरी मात्रा एक बार में न डालें। पहले आधा हिस्सा रोपाई के समय डालें और बाकी का आधा हिस्सा फसल बढ़ने के दौरान दो बार में डालें। इससे पौधों को लगातार पोषण मिलता रहेगा और कंद बड़ा व स्वस्थ होगा।

प्याज की खेती में पानी का भी बड़ा रोल है। गर्मियों में सिंचाई की अच्छी व्यवस्था होना बहुत जरूरी है। रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें, फिर तीसरे दिन एक बार और पानी दें। इसके बाद मिट्टी की नमी के हिसाब से हर 7-10 दिन में सिंचाई करते रहें। लेकिन ध्यान दें, ज्यादा पानी न दें, वरना कंद सड़ सकता है। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम इस मौसम में बेस्ट है, क्योंकि ये पानी की बचत करता है और पौधों की जड़ों तक सही मात्रा में पानी पहुंचाता है।
कीटों और बीमारियों से बचाव भी उतना ही जरूरी है। गर्मियों में थ्रिप्स और मैगट्स जैसे कीट प्याज को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सुनील कटियार सलाह देते हैं कि खेत में नीले स्टिकी ट्रैप्स लगाएं और अगर कीट दिखें तो फिप्रोनिल या प्रोफेनोफॉस का छिड़काव करें। साथ ही, अगर पौधों में फंगस या बैक्टीरिया का खतरा दिखे तो ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल जारी रखें। ये न सिर्फ सस्ता है बल्कि असरदार भी है।
ग्रीष्मकालीन प्याज की खेती का एक बड़ा फायदा ये है कि ये मार्केट में तब आती है जब प्याज की कीमतें आमतौर पर ऊंची होती हैं। मई-जून में जब ये फसल तैयार होगी, तो आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन इसके लिए अभी से मेहनत शुरू करनी होगी। खेत की जुताई से लेकर मिट्टी का उपचार, खाद का सही इस्तेमाल और पौधों की देखभाल – हर कदम पर ध्यान देना जरूरी है। सुनील कटियार का कहना है कि अगर किसान इन आसान टिप्स को फॉलो करें, तो न सिर्फ उनकी फसल अच्छी होगी बल्कि उनकी जेब भी भरेगी।
तो भाइयों, अगर आपका खेत खाली पड़ा है और आप कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं, तो ग्रीष्मकालीन प्याज की खेती आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकती है। ये न सिर्फ कम समय में तैयार होती है बल्कि गर्मियों में अच्छी कीमत भी दिलाती है। बस इन Onion Farming Tips को अपनाएं और खेती को आसान बनाएं। खेत खजाना की ओर से यही सलाह है कि अभी से तैयारी शुरू करें, क्योंकि सही समय पर उठाया गया कदम ही सफलता की गारंटी देता है।