Wheat crop : गेहूं की फसल के लिए ‘अमृतवर्षा’: बेमौसम बारिश का फायदा और नुकसान
जानें कैसे बेमौसमी बारिश गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है। पीले रतुआ के खतरे से बचाव के उपाय और फसलों पर नजर रखने के महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करें।
Wheat crop : गेहूं की फसल के लिए ‘अमृतवर्षा’: बेमौसम बारिश का फायदा और खतरे
Bathinda, Punjab, India, 13 जनवरी 2025
देश के कई राज्यों में शीतलहर का दौर जारी है और बेमौसम बारिश से ठिठुरन बढ़ गई है। हरियाणा में हुई बेमौसमी बारिश ने ठंड को और बढ़ा दिया है, लेकिन गेहूं के किसानों के लिए यह बारिश राहत भरी साबित हो रही है। भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) के वैज्ञानिकों के अनुसार, हाल ही में हुई बारिश गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है।
बेमौसम बारिश का फायदा
IIWBR के निदेशक डॉ. रतन तिवारी ने कहा कि इस समय हुई बारिश गेहूं की फसल के लिए अमृतवर्षा की तरह है, क्योंकि इससे गेहूं को विकास के लिए पर्याप्त नमी मिलेगी। पिछले महत्वपूर्ण बारिश 3 जनवरी को हुई थी, जिसके बाद करीब 10 दिनों का अंतराल रहा।
पीले रतुआ का खतरा
डॉ. तिवारी ने किसानों को गेहूं की फसलों में पीले रतुआ के खतरे के बारे में आगाह किया और सतर्कता बरतने की सलाह दी। मौजूदा जलवायु परिस्थितियां पीले रतुआ के लिए बहुत अनुकूल हैं, इसलिए फसलों पर नजर रखने की जरूरत है। पत्तियों का पीला पड़ना हमेशा पीले रतुआ का संकेत नहीं होता है, इसलिए अच्छे से जांच करें और स्थानीय कृषि संस्थानों या कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) से संपर्क करें।
किसानों को सुझाव
किसानों को सतर्क रहने और फसलों पर नजर रखने की सलाह दी गई है। पीले रतुआ के लक्षणों का सटीक इलाज करने के लिए विशेषज्ञों से सलाह लें।
जिला | न्यूनतम तापमान (°C) | बारिश (मिमी) |
---|---|---|
नारनौल | 6.8 | – |
अंबाला | 11 | 20.5 |
करनाल | 11.4 | 1.6 |
हिसार | 9.5 | 13 |
रोहतक | 8.8 | 3-3.5 |
गुरुग्राम | 7.9 | 3-3.5 |
महेंद्रगढ़ | – | 14 |
भिवानी | – | 6 |
सोनीपत | – | 5 |
यमुनानगर | – | 1.5 |
खेती के लिए फायदेमंद
डॉ. तिवारी ने कहा कि जनवरी महीने में हो रही यह बेमौसमी बारिश खेती-किसानी के लिए बेहद अच्छी है, लेकिन इस बारिश ने राज्य भर में सर्दी को और बढ़ा दिया है। लोगों को आने वाले दिनों में और अधिक ठंड का सामना करना पड़ेगा।