Gold Silver Price: सोने की कीमत में बढ़ोतरी, चांदी की कीमत स्थिर, सोना 250 रुपये बढ़कर 80550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा
Gold Silver Price: Gold price increased, silver price remained stable, gold increased by Rs 250 to Rs 80550 per 10 grams
Gold Silver Price: सोने की कीमत में बढ़ोतरी, चांदी की कीमत स्थिर, सोना 250 रुपये बढ़कर 80550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा
Gold Silver Price: भारत में सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिली है। शुक्रवार को सोने की कीमत 250 रुपये बढ़कर 80,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। यह वृद्धि रुपये के रिकॉर्ड निम्नतम स्तर पर पहुंचने और खुदरा विक्रेताओं तथा स्टॉकिस्टों की लगातार खरीदारी के कारण हुई है। वहीं, चांदी की कीमतें स्थिर बनी रही हैं और यह 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बनी रही।
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी ?
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। खासकर 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी आई है और यह 250 रुपये बढ़कर 80,150 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इससे पहले यह सोना 79,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
इस वृद्धि का एक प्रमुख कारण विदेशी बाजारों में सोने की मजबूत मांग है, जिससे भारतीय बाजारों में भी दबाव बढ़ा है। इसके अलावा, रुपये के अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरते हुए मूल्य ने भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की। शुक्रवार को रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे की गिरावट देखी और पहली बार 86 के स्तर को छुआ। इससे विदेशी निवेशकों के लिए सोना और अधिक आकर्षक बन गया है।
चांदी की कीमतें स्थिर बनीं
हालांकि, चांदी की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया। चांदी 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही। चांदी का यह स्थिर रुख बाजार की मौजूदा स्थिति और कमोडिटी बाजार में मजबूत अमेरिकी डॉलर के प्रभाव को दर्शाता है।
साप्ताहिक आधार पर भी चांदी की कीमतों में केवल 2.5 प्रतिशत का उछाल आया है, जो 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। वहीं, सोने की कीमत साप्ताहिक आधार पर 1,550 रुपये या 2 प्रतिशत बढ़ी है और अब यह 80,550 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है।
कमोडिटी बाजार और डॉलर का प्रभाव
कमोडिटी बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि का कारण प्रमुख रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में हुई बढ़ोतरी है। शुक्रवार को विदेशी बाजारों में कॉमेक्स सोने का वायदा 16.10 डॉलर प्रति औंस यानी 0.6 प्रतिशत बढ़कर 2,706.90 डॉलर प्रति औंस हो गया। इसी प्रकार, चांदी का वायदा भी 0.55 प्रतिशत बढ़कर 92,217 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ कमोडिटी विश्लेषक सौमिल गांधी ने बताया कि, “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी मौद्रिक नीति के बारे में अनिश्चितता के कारण सुरक्षित निवेश की मांग में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण सोने की कीमतों में तेजी जारी रही।” उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती और वैश्विक बाजारों में विदेशी निधियों के भारी प्रवाह ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया।
सोने और चांदी के निवेश पर असर
इस समय सोने और चांदी दोनों की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर हो सकती है। खासकर तब, जब वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी डॉलर की स्थिति जैसे कारक सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं।
बैंक ऑफ इंग्लैंड के प्रमुख शोधकर्ता रेनिशा चैनानी ने बताया कि, “संयुक्त राज्य अमेरिका की मौद्रिक नीति और वैश्विक आर्थिक हालातों को लेकर बढ़ती अनिश्चितताओं के कारण सुरक्षित निवेश की मांग में बढ़ोतरी हुई है।” उनके अनुसार, यदि आंकड़े अनुमान के अनुसार आते हैं, तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंक और अधिक ढील देने पर विचार कर सकते हैं, जिससे सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है।
चांदी की औद्योगिक मांग में वृद्धि
चांदी की कीमतों में स्थिरता के बावजूद, इसकी औद्योगिक मांग में मजबूत वृद्धि हो रही है। चांदी का इस्तेमाल अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और इलेक्ट्रॉनिक्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों और सोलर पैनलों में चांदी की मांग बढ़ी है, जिससे चांदी की कीमतों में औद्योगिक पक्ष से भी समर्थन मिला है।
डच बहुराष्ट्रीय कंपनी आईएनजी बैंक के अनुसार, 2025 में कीमती धातुओं की शुरुआत धीमी रही है, क्योंकि भू-राजनीतिक तनाव और चीन के आर्थिक सुधारों के अनिश्चित मार्ग ने बाजार को प्रभावित किया है। बैंक ने कहा कि वैश्विक स्तर पर संभावित अमेरिकी टैरिफ और डॉलर की मजबूती की वजह से बुलियन की कीमतों में गिरावट का खतरा हो सकता है।
सोने और चांदी की कीमतों के लिए भविष्य का अनुमान
कंपनियों और विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी रह सकता है, लेकिन निवेशकों को ध्यान रखना होगा कि वैश्विक स्थिति के साथ-साथ अमेरिकी डॉलर के उतार-चढ़ाव का भी असर इन धातुओं पर पड़ेगा। यदि अमेरिकी टैरिफ बढ़ते हैं और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितताएं बनी रहती हैं, तो सोने और चांदी की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, आगामी अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल और उपभोक्ता भावना के आंकड़ों पर नजर रखना निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इन आंकड़ों के आधार पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति में बदलाव कर सकता है, जो कीमती धातुओं की कीमतों को प्रभावित कर सकता है।