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नहरों में नहाने वालों की अब सिर्फ बेलदार नहीं, एसडीओ व जेई भी करेंगे मॉनिटरिंग, पुलिस की लेंगे मदद, करेंगे कानूनी कार्रवाई

चार दिन में लगातार तीन बच्चों के नहरों में डूबने की घटनाएं सामने आ चुकी है। इसके चलते सिंचाई विभाग के सामने दक्षिण हरियाणा के तालाब व टैंकों में पानी पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती बनी है। इसी को लेकर अब सिंचाई विभाग ने गर्मी के दिनों में उभरते आपात हालातों से निपटने के लिए प्लान तैयार किया है।
अब नहरों में नहाते मिलने पर युवकों व बच्चों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सिंचाई विभाग ने एसडीओ व जेई को भी अलर्ट मोड में रहने की हिदायत दी है कि वे लगातार नहरों पर निगरानी बनाएं। सिर्फ बेलदारों के भरोसे न रहा जाए। इसके अलावा अक्सर बेलदारों को पटरी पर बैठकर नशीले पदार्थ का सेवन करते मिल जाते हैं। इसे रोकने के लिए भी पुलिस विभाग की मदद ली जाएगी। नहर में किसी जगह एक बार यदि कोई बच्चा या व्यक्ति पानी में डूब जाए तो पानी को कम करने से ही संकट शुरू हो जाता है।

नियम अनुसार विभाग की ओर से नहर को रोका नहीं जा सकता है, सिर्फ पानी को कम किया जा सकता है। मूनक हेड से पानी की फ्लो कम करने से ही दक्षिण हरियाणा तक पानी पहुंचाने में दो से चार दिन का गैप बढ़ जाता है। बता दें कि हालही में तीन से चार दिन में अब तक तीन घटनाएं बच्चों के डूबने की सामने आ चुकी है। इसमें सोनीपत के कासंडी गांव, झज्जर के माजरा दूबलधन और बाकरा हेड के पास की घटनाएं शामिल है।

• प्रदेश में सिंचाई विभाग के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश
दिए हैं कि बच्चों और बड़ों को नहरों में नहाने से तुरंत रोका जाए, ताकि किसी भी होने वाली अनहोनी को रोका जा सके। चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ-साथ बेलदारों को भी जिम्मेदारी दी है। आमजन से भी अपील है कि सभी बच्चों व बड़ों को नहरों में नहाने से रोका जाए। – बिजेन्द्र सिंह नारा, चीफ इंजीनियर, लिफ्ट कैनाल यूनिट।

 

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