35 करोड़ में बिकी नेल्लोर नस्ल की गाय, आंध्र प्रदेश से पहुंची ब्राजील
नेल्लोर नस्ल की गाय ने ब्राजील में 35 करोड़ रुपये में बिककर इतिहास रच दिया। जानें इस गाय की खासियतें और इसके सफर के बारे में।
दुनिया की सबसे महंगी गाय का सफर
गाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जिसे मां के समान पूजा जाता है। लेकिन हाल ही में एक नेल्लोर नस्ल की गाय ने दुनिया में सुर्खियां बटोरी हैं। यह गाय ब्राजील पहुंची है और इसकी कीमत लगभग 4.3 मिलियन डॉलर, यानी करीब 35 करोड़ रुपये है।
नेल्लोर नस्ल की गाय: एक परिचय
नेल्लोर नस्ल की गाय का नाम “वियाटीना 19 एफआइवी मारा इमोवीस” रखा गया है। यह गाय सिर्फ 5 साल की है और इसे आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले से ब्राजील भेजा गया था। यह नस्ल भारत में कम देखने को मिलती है, लेकिन अब यह विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हो चुकी है।
गाय का सफर: आंध्र प्रदेश से ब्राजील
नेल्लोर नस्ल की गाय का सफर बेहद दिलचस्प है। इसे सबसे पहले ब्राजील में भेजा गया, जहाँ इसकी नस्ल धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल गई। रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया में इस नस्ल की लगभग 16 करोड़ गायें मौजूद हैं, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाती हैं।
खासियतें और लाभ
नेल्लोर नस्ल की गाय में कई विशेषताएँ हैं, जो इसे इतनी महंगी बनाती हैं:
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: इस नस्ल की गाय में रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी अधिक होती है कि यह किसी भी मौसम में अपने आप को ढाल लेती है।
- दूध उत्पादन: दूध उत्पादन पर भी इसका प्रभाव कम होता है, जिससे यह पशुपालकों के लिए लाभदायक बनती है।
- जलवायु अनुकूलता: गाय का रंग सफेद होने के कारण यह गर्मी में भी रहने में सक्षम होती है और इसे अधिक गर्मी का अनुभव नहीं होता।
- संवेदनशीलता कम: इसकी कठोर त्वचा और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण कीड़े-मकोड़े इसे परेशान नहीं कर पाते।
गाय की बढ़ती प्रसिद्धि
पिछले कुछ समय से नेल्लोर नस्ल की गाय काफी प्रसिद्ध हो गई है। इसकी महंगी कीमत और अद्वितीय विशेषताओं ने इसे दुनिया की सबसे महंगी गाय बना दिया है।
नेल्लोर नस्ल की गाय केवल एक पशु नहीं है, बल्कि यह भारतीय कृषि और पशुपालन का गौरव है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता और उच्च कीमत यह दर्शाती है कि भारतीय नस्लें भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बना सकती हैं।