प्रदेश के गांवों में खुलेंगे सीएम पैक्स, कंपनी की तरह करेंगे काम, पहले चरण में 500 पैक्स खोलेंगे
पेट्रोल पंप, अनाज के गोदाम और कुटीर उद्योग लगाने का काम कर सकेंगी सीएम पैक्स हरियाणा में सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के लिए हर गांव में सीएम पैक्स खोलने की योजना। जानें, कैसे यह योजना सहकारिता आंदोलन को नई दिशा देगी।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की सोच और हरियाणा सरकार की कार्य योजना के तहत राज्य की सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के नेतृत्व में हर गांव में सीएम पैक्स (कम्प्रीहेंसिव मल्टी पर्पज एक्टिविटी को-ऑपरेटिव सोसायटी) खोलने की तैयारी हो रही है।
क्या हैं सीएम पैक्स?
सीएम पैक्स, पहले से संचालित प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) से अलग होंगी। जहां पैक्स का कार्य किसानों को ऋण, खाद, और बीज उपलब्ध कराना है, वहीं सीएम पैक्स का मुख्य उद्देश्य गांवों में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
इन गतिविधियों में अनाज के गोदाम बनाना, फसल खरीदकर स्टोर करना, उचित समय पर फसल को लाभ पर बेचना, पेट्रोल पंप खोलना, कुटीर उद्योग लगाना, और खाद्य वस्तुओं का उत्पादन करना शामिल है।
हर गांव में सीएम पैक्स (कम्प्रीहेंसिव मल्टी पर्पज एक्टिविटी को-आपरेटिव सोसायटी) खोली जाएंगी। सीएम पैक्स राज्य में पहले से संचालित प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) से अलग होंगी। पैक्स का काम किसानों को ऋण, खाद व बीज उपलब्ध कराना है, सीएम पैक्स का काम व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने का होगा, जिससे सहकारिता आंदोलन को संबल मिलेगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा के निर्देश पर दी हरियाणा स्टेट को-आपरेटिव अपैक्स बैंक (हरको) के चेयरमैन हुकुम सिंह भाटी ने राज्य के हर गांव में सीएम पैक्स खोलने की कार्ययोजना तैयार की है। पहले चरण में राज्य के 500 गांवों में सीएम पैक्स खोली जाएंगी, जिन्हें इसी साल 31 मार्च तक संचालित करने की योजना है। सीएम पैक्स की शुरुआत पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों और गैर कृषि कार्य में लगे लोगों के सहयोग से खुलेंगी।
इनमें कम से कम 11 और अधिकतम कितने भी सदस्य हो सकेंगे। सीएम पैक्स की हिस्सा पूंजी को घटाकर सरकार ने कम कर दिया है। पहले यह राशि 20 हजार रुपये प्रति सदस्य थी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे घटाकर मात्र एक हजार रुपये कर दिया है। यह राशि रिफंडेबल है। सीएम पैक्स राज्य में पेट्रोल पंप, अनाज के गोदाम बनाने, गांवों में फसल खरीदकर इन गोदामों में स्टोर करने, उचित समय आने पर उस फसल को लाभ पर बेचने, खाद्य वस्तुएं बनाने और कुटीर उद्योग लगाने का काम कर सकेंगी। इन कार्यों को करते हुए सीएम पैक्स का जो भी लाभ होगा, उसमें सदस्यों की हिस्सेदारी रहेगी।
हरको बैंक के चेयरमैन हुकुम सिंह भाटी के अनुसार केंद्र सरकार की यह बेहद महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे मुख्यमंत्री नायब सैनी व सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने राज्य में लागू करने में रुचि दिखाई है। सीएम पैक्स कंपनियों की तरह काम करेंगे।
सीएम पैक्स के जितने भी सदस्य होंगे, उन्हें लाभांश में हिस्सेदारी प्रदान की जाएगी।
फिलहाल जिन गांवों में पैक्स काम कर रहे हैं, वहां पर सीएम पैक्स नहीं बनाए जाएंगे। राज्य में 6742 गांव हैं और हर गांव में सीएम पैक्स खोलने की सरकार की योजना है। चेयरमैन के अनुसार अपैक्स बैंक ने राज्य में 10 एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन) का भी गठन किया है। हालांकि इन एफपीओ में 300 लोगों को सदस्य बनाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल प्रत्येक एफपीओ में 20-20 लोगों को शामिल करते हुए इनकी शुरुआत कर दी गई है। इनमें पांच एकड़ जमीन से अधिक वाला किसान भी शामिल हो सकता है।